माइनस 100 डिग्री तापमान में बिना कपड़े पहने की जाती है ये थेरेपी, सेलिब्रिटीज हो रहे हैं इसके दीवाने
By गुलनीत कौर | Published: August 22, 2018 07:33 AM2018-08-22T07:33:52+5:302018-08-22T07:33:52+5:30
क्रायोथेरेपी में व्यक्ति को रूम टेम्परेचर से काफी कम तापमान में रखा जाता है। इस थेरेपी को 'आइस पैक थेरेपी' या फिर 'क्रायो सर्जरी' के नाम से भी जाना जाता है।
बॉडी को फिट बनाने और सुन्दर दिखने के लिए आजकल लोग थेरेपी की सहायता लेने लगे हैं। क्योंकि ये नेचुरल होती हैं, इनके साइड इफ़ेक्ट भी कम होते हैं, इसलिए लोगों की रुचि इनमें आए दिन बढ़ती चली जा रही है। 'क्रायोथेरेपी' नाम की एक नेचुरल थेरेपी भी ट्रेंड में आ गई है। जिसके सेलिब्रिटीज भी दीवाने हो रहे हैं। आइए जानते हैं इस थेरेपी के बारे में और आगे जानिए इसके फायदे और करने की विधि भी।
क्या है क्रायोथेरेपी?
क्रायोथेरेपी में व्यक्ति को रूम टेम्परेचर से काफी कम तापमान में रखा जाता है। इस थेरेपी को 'आइस पैक थेरेपी' या फिर 'क्रायो सर्जरी' के नाम से भी जाना जाता है। इतने कम तापमान का बॉडी, नसों और त्वचा पर सीधा असर होता है। इस थेरेपी की सहायता से शरीर की कोशिकाओं में होने वाली गड़बड़ी को ठीक किया जाता है। इसके अलावा शरीर में रक्त के संचार को बढ़ाने और तंत्रिकाओं के वेग को कम करने में भी मददगार है ये नेचुरल थेरेपी।
कैसे करते हैं क्रायोथेरेपी?
क्रायोथेरेपी में व्यक्ति को बिना कपड़ों के एक बंद कमरे में रखा जाता है। फिर इस इस कमरे में -100 डिग्री से. की ठंडी हवाओं को तकरीबन 4 से 5 मिनट के लिए छोड़ा जाता है। ये बेहद ठंडी हवाएं जब व्यक्ति के शरीर पर पड़ती हैं तो उसके शरीर के विषैले पदार्थों को प्यूरीफाई करने का काम करती हैं। इसके अलावा स्किन की अगर चमक खो गई हो तो उसे भी वापस लाती हैं ये हवाएं। 4 से 5 मिनट ठंडी हवा छोड़ने के बाद जब कमरे का तापमान वापस गर्म होने लगता है तो दोबारा से ये हवाएं छोड़ी जाती हैं।
सेलिब्रिटीज में पॉपुलर हो रहा क्रायोथेरेपी
हॉलीवुड हसीनाएं जैसे कि केट मॉस, जेसिका अल्बा, जेनिफर एनिस्टन, डेमी मूरे, ये सभी एक्ट्रेस वर्कआउट के बाद कम से कम 3 मिनट के लिए इस थेरेपी का इस्तेमाल करती हैं। हाल फिलहाल में बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर की भी इस थेरेपी को ट्राई करते हुए तस्वीरें वायरल हुई हैं।
क्रायोथेरेपी के फायदे:
1. त्वचा संबंधी दिक्कतें जैसे कि मस्से, तिल, सन टैनिंग इनसे छुटकारा मिलता है।
2. बॉडी के किसी भी हिस्से पर जमा हो चुके फट या सेल्युलाइट को कम करने के लिए इस थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है
3. माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए उत्तम है ये थेरेपी
4. क्रायोथेरेपी से थकान और सूजन को कम किया जा सकता है
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इन स्थितियों में क्रायोथेरेपी का इस्तेमाल ना करें:
- चोट लगने पर
- हृदय रोग में
- स्किन इन्फेक्शन हो तो
- हाई ब्लड प्रेशर हो तो
- थेरेपी के दौरान जरूरत से अधिक कंपकंपी हो तो थेरेपी वहीं रोक दें