सत्यार्थी समर स्कूल: 11 देशों के प्रतिभागियों ने किया दिल्ली और राजस्थान आश्रम का दौरा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 21, 2025 13:47 IST2025-06-21T13:46:09+5:302025-06-21T13:47:05+5:30

Satyarthi Summer School: सत्यार्थी मूवमेंट फॉर ग्लोबल कम्पैशन (एसएमजीसी) का करुणा पर केंद्रित यह 30-दिवसीय शिक्षण कार्यक्रम नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के दृष्टिकोण और करुणा के दर्शन से प्रेरित है।

Satyarthi Summer School Participants from 11 countries visited Delhi and Rajasthan Ashram | सत्यार्थी समर स्कूल: 11 देशों के प्रतिभागियों ने किया दिल्ली और राजस्थान आश्रम का दौरा

file photo

Highlightsवैश्विक नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों के साथ विशेष, गहन सत्रों में भाग ले रहे हैं।8 जून से शुरू हुआ सत्यार्थी समर स्कूल 5 जुलाई तक नई दिल्ली और राजस्थान में चलेगा।

नई दिल्लीः करुणा पर केंद्रित दुनिया के पहले शिक्षण कार्यक्रम- सत्यार्थी समर स्कूल (एसएसएस) के प्रतिभागियों ने विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर दिल्ली के संजय कैंप का दौरा किया। प्रतिभागियों ने बाल मित्र मंडल के बाल नेताओं के साथ बातचीत की, उनके परिवर्तन की प्रेरक कहानियां सुनीं, उनके साथ नृत्य किया और गीत गाए। इस दौरान वे पूर्व बाल मजदूरों से भी मिले, जो अब नेतृत्वकर्ता और परिवर्तनकर्ता की भूमिका निभा रहे हैं। उसके बाद सभी प्रतिभागी राजस्थान स्थित बाल आश्रम पहुंचे, जहां वे वैश्विक नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों के साथ विशेष, गहन सत्रों में भाग ले रहे हैं।

8 जून से शुरू हुआ सत्यार्थी समर स्कूल 5 जुलाई तक नई दिल्ली और राजस्थान में चलेगा। सत्यार्थी मूवमेंट फॉर ग्लोबल कम्पैशन (एसएमजीसी) का करुणा पर केंद्रित यह 30-दिवसीय शिक्षण कार्यक्रम नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के दृष्टिकोण और करुणा के दर्शन से प्रेरित है।

कैलाश सत्यार्थी के अनुसार करुणा वह शक्ति है जो दूसरों के दुख को अपने दुख के रूप में महसूस करने से पैदा होती है और निस्वार्थ कार्रवाई को प्रेरित करती है। वे कहते हैं, “ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि इतने सारे बुद्धिमान युवा एक साथ आए हों। इतिहास उनसे नहीं बनता जो बाहर खड़े होकर ताली बजाते हैं, उनसे बनता है जो रिंग में प्रवेश करते हैं और परिवर्तन लाते हैं, और परिवर्तन ही एकमात्र सत्य है।”

एसएमजीसी की सीईओ अस्मिता सत्यार्थी ने कहा, "इतने सारे देशों, विश्वविद्यालयों और विषयों से इतने सारे युवाओं को सत्यार्थी समर स्कूल 2025 के पहले बैच में देखना उत्साहवर्धक है। मैं युवा परिवर्तनकर्ताओं की प्रेरक कहानियां सुन रही हूं और उन्हें एक करुणामय दुनिया बनाने के लिए एक साथ आते देख रही हूं।"

इस पहल में लाइबेरिया, अमेरिका, कैमरून, वियतनाम, ताजिकिस्तान, मैक्सिको, फिलिस्तीन, पूर्वी तिमोर, नेपाल, भूटान और भारत जैसे देशों से 18 से 30 वर्ष की आयु के परिवर्तनकर्ता शामिल हो रहे हैं - जो करुणा के माध्यम से जीवन और नेतृत्व की फिर से कल्पना करने के लिए एक साथ आए हैं।

11 देशों के 250 से अधिक विश्वविद्यालयों से लगभग 1300 आवेदनों में से चयन के बाद 26 युवा इस अभिनव पहल का हिस्सा बने हैं। यह समूह बंजारा शिक्षा केंद्रों का भी दौरा करेगा और बंजारा समुदाय के सदस्यों से बातचीत करेगा। फैकेल्टी सदस्यों में गैब्रिएला रामोस, यूनेस्को में सामाजिक और मानव विज्ञान के सहायक महानिदेशक; प्रमथ राज सिन्हा, फाउंडर एंड चेयरमैन अशोक विश्वविद्यालय; विवेक गंभीर, वेंचर पार्टनर, लाइटस्पीड इंडिया, और लिसा क्रिस्टीन, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित फोटोग्राफर और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं।

प्रतिभागी जमीनी स्तर के समुदायों के बीच रह रहे हैं और सीख रहे हैं, सत्यार्थी करुणा भागफल™ (एससीक्यू) ढांचे का उपयोग करके वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। बाल अधिकारों से लेकर जलवायु न्याय, युवा नेतृत्व से लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य तक, वे सचेतनता, साहस और नैतिक जवाबदेही में निहित समस्या-समाधान का अभ्यास कर रहे हैं।

Web Title: Satyarthi Summer School Participants from 11 countries visited Delhi and Rajasthan Ashram

पाठशाला से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे