UGC ने कहा- 'शोध में मात्रा की जगह गुणवत्ता को मिलना चाहिए महत्व'

By भाषा | Published: October 5, 2019 02:21 PM2019-10-05T14:21:44+5:302019-10-05T14:21:44+5:30

पत्र में कहा गया, "यूजीसी अनुमोदित पत्रिकाओं की पुरानी सूची' को नयी यूजीसी-केअर सूची से बदल दिया गया है और 14 जून, 2019 को सूची में शामिल पत्रिकाओं से शोध प्रकाशनों को केवल अकादमिक उद्देश्य के लिए माना जाना चाहिए।"

Quality should get more importance than quantity in research: UGC | UGC ने कहा- 'शोध में मात्रा की जगह गुणवत्ता को मिलना चाहिए महत्व'

UGC ने कहा- 'शोध में मात्रा की जगह गुणवत्ता को मिलना चाहिए महत्व'

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी शैक्षणिक संस्थानों के कुलपतियों और प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने के लिये कहा है कि क्रेडिट प्वाइंट , पदोन्नति या शोध डिग्री प्रदान करने का उनका फैसला किसी व्यक्ति द्वारा "प्रकाशित कार्य की गुणवत्ता" पर आधारित होना चाहिए न कि मात्रा पर। आयोग के अधिकारियों के अनुसार यह निर्देश भारतीय अकादमिक प्रकाशन एवं अनुसंधान की विश्वसनीयता और ज्ञान रचना के हितों के मद्देनजर दिया गया है।

सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भेजे गए एक यूजीसी पत्र में कहा गया है, “कुलपति, चयन समितियां, अनुवीक्षण समितियों और अकादमिक प्रदर्शन के मूल्यांकन और आकलन में शामिल शोध पर्यवेक्षकों तथा विशेषज्ञों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है कि चयन, पदोन्नति, क्रेडिट-आवंटन और अनुसंधान डिग्री देने के मामले में उनके निर्णय प्रकाशित कार्य की संख्या के बजाय गुणवत्ता पर आधारित होने चाहिये।”

पत्र में कहा गया, "यूजीसी अनुमोदित पत्रिकाओं की पुरानी सूची' को नयी यूजीसी-केअर सूची से बदल दिया गया है और 14 जून, 2019 को सूची में शामिल पत्रिकाओं से शोध प्रकाशनों को केवल अकादमिक उद्देश्य के लिए माना जाना चाहिए।" उच्च शिक्षा नियामक यूजीसी देश के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में मात्रात्मक शोध की तुलना में गुणात्मक अनुसंधान की आवश्यकता पर जोर देता रहा है।

Web Title: Quality should get more importance than quantity in research: UGC

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