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परीक्षा पे चर्चाः पीएम मोदी लेंगे ऑनलाइन क्लास, छात्र, अभिभावक और शिक्षकों के साथ करेंगे संवाद, जानें क्या है नियम

By भाषा | Updated: February 18, 2021 19:09 IST

Pariksha Pe Charcha 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ स्कूली छात्रों की ‘परीक्षा पे चर्चा 1.0’ (पहला संस्करण) का आयोजन 16 फरवरी, 2018 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में किया गया था।

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ठळक मुद्देराष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पर्यवेक्षक एवं समन्वयक प्रतियोगिता का विश्लेषण करेंगे।शिक्षा मंत्री ने बताया कि चयनित लोगों को प्रधानमंत्री से संवाद करने का मौका मिलेगा।नौवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के साथ यह चर्चा उनकी परीक्षाएं शुरू होने से पहले मार्च में होगी।

Pariksha Pe Charcha 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वार्षिक संवाद कार्यक्रम ‘ परीक्षा पे चर्चा’ के तहत मार्च में छात्रों के अलावा अभिभावकों एवं शिक्षकों के साथ ऑनलाइन संवाद करेंगे तथा इस संवाद के दौरान सवाल पूछने वालों का चयन प्रतियोगिता के जरिए होगा।

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस साल ‘परीक्षा पे चर्चा’ का आयोजन आनलाइन होगा। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि नौवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के साथ यह चर्चा उनकी परीक्षाएं शुरू होने से पहले मार्च में होगी।

निशंक ने ट्वीट किया, ‘‘विद्यार्थियों के परीक्षा तनाव को कम कर उन्हें प्रेरणा एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संवाद कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ का चौथा संस्करण मार्च 2021 में आयोजित किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के कारण इस साल चर्चा ऑनलाइन होगी।’’

पंजीकरण बृहस्पतिवार को शुरू होगा तथा 14 मार्च को समाप्त होगा

चर्चा के लिए पंजीकरण बृहस्पतिवार को शुरू होगा तथा 14 मार्च को समाप्त होगा। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ लोगों की मांग पर ‘परीक्षा पे चर्चा 2021 में इस बार अभिभावकों एवं शिक्षकों को भी शामिल किया गया है। मैं छात्रों, अभिभावकों एवं शिक्षकों से बड़ी संख्या में परीक्षा पे चर्चा 2021 में हिस्सा लेने की अपील करता हूं। ’’

‘परीक्षा पे चर्चा’ का जिक्र करते हुए शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले भी छात्रों के साथ ऐसा संवाद करते रहे हैं । इस बार अभिभावकों एवं शिक्षकों के साथ भी संवाद होगा । उन्होंने बताया कि चर्चा के दौरान सवाल पूछने के लिए छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों का चयन प्रतियोगिता के जरिए होगा और इसका आयोजन ‘माईजीओवी.इन’ पर होगा । उन्होंने बताया, ‘‘ देशभर के स्कूली छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों का चयन एक ऑनलाइन रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता के माध्यम से किया जाना है। ’’

प्रतियोगिता के संबंध में पांच विषय रखे गए हैं

निशंक ने बताया कि छात्रों के लिये प्रतियोगिता के संबंध में पांच विषय रखे गए हैं। इनमें पहला विषय ‘परीक्षा को त्योहारों की तरह मनाएं’ है और इसके तहत छात्रों को अपने पसंदीदा विषय के एक त्योहार को दर्शाने वाला दृश्य बनाना है । दूसरा विषय ‘अतुल्य भारत, यात्रा और अन्वेषण है’ और इसके तहत छात्र कल्पना करें कि उनका दोस्त तीन दिनों के लिए आपके शहर में घूमने आ रहा है और उन्हें देखने के स्थान, स्वादिष्ट भोजन, यादगार पलों के तहत तीन श्रेणियों में यह बताना है कि वे इसे कैसे यादगार बना पाएंगे?

छात्रों को अधिकतम 500 शब्दों में...

तीसरा विषय एक यात्रा समाप्त होती है, दूसरी की शुरुआत होती है’ से संबंधित है । इसके तहत छात्र अपने स्कूल के जीवन के सबसे यादगार अनुभवों का वर्णन अधिकतम 1500 शब्दों में करें । चौथा विषय ‘आकांक्षाएं और उन्हें पूरा करना’ है और इसके तहत छात्रों को 1500 शब्दों में यह बताना है कि यदि संसाधनों या अवसरों की कोई कमी न हो, तो वे समाज के लिए क्या करेंगे और क्यों? पांचवा विषय ‘आभारी रहें’ है और इसके अंतर्गत छात्रों को अधिकतम 500 शब्दों में उन लोगों के लिए 'आभार कार्ड' लिखना है जिनके वे आभारी हैं ।

दृष्टिकोण को साझा करते हुए एक कहानी लिखना

इसी प्रकार से प्रतियोगिता में भाग लेने वाले शिक्षकों को ‘ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली- लाभ और आगे इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है’ विषय पर लगभग 1500 शब्दों में निबंध लिखना है । अभिभावकों को प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिये दो विषय दिये गए हैं । इसमें पहला विषय ‘आपके शब्द आपके बच्चे की दुनिया बनाते हैं - उन्हें प्रोत्साहित करें, जैसा कि आपने हमेशा किया’ है । इसके तहत अभिभावकों को अधिकतम 1500 शब्दों में अपने बच्चों के साथ उनके भविष्य को ले कर अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए एक कहानी लिखना है।

अभिभावकों को सुझाव दिया गया है कि इसका पहला वाक्य अपने बच्चे को लिखने दें और इसके बाद आगे वे खुद लिखें। दूसरा विषय ‘अपने बच्चे के दोस्त बनें - अवसाद दूर रखें’ है । इसके तहत अभिभावकों को 100 शब्दों में अपने बच्चे के लिए पोस्टकार्ड लिखना होगा और यह बताना होगा कि वे क्यों विशेष हैं।

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