NEET 2018: SC ने HC के फैसले पर लगाई रोक, दोबारा जारी हुए रैंक लिस्ट में नहीं मिलेंगे एक्स्ट्रा मार्क्स
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: July 21, 2018 13:12 IST2018-07-21T13:12:36+5:302018-07-21T13:12:36+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के तमिलनाडु NEET 2018 की परीक्षा पेपर में हुई गलतियों को लेकर सुनाए गए फैसले पर रोक लगा दी है।

NEET 2018: SC ने HC के फैसले पर लगाई रोक, दोबारा जारी हुए रैंक लिस्ट में नहीं मिलेंगे एक्स्ट्रा मार्क्स
नई दिल्ली, 21 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के तमिलनाडु NEET 2018 की परीक्षा पेपर में हुई गलतियों को लेकर सुनाए गए फैसले पर रोक लगा दी है। दरअसल, मद्रास हाई 24000 अभ्यार्थियों को 196 ग्रेस मार्क्स दिया जाना था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट का फैसले की सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि एमिशन और काउंसलिंग ओरिजनल मैरिट लिस्ट के आधार पर की जाए। इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जब तक बोर्ड नंबर सुधार कर लिस्ट जारी नहीं कर देता है तब तक के लिए मेडिकल काउंसलिंग भी रद्द कर दिया जाए। कोर्ट ने नंबरों में इस सुधार के लिए बोर्ड को दो सप्ताह का वक्त दिया है।
ये है पूरा मामला
मालूम हो कि इस साल तमिलनाडु NEET पेपर के तमिल मीडियम में कम से कम 49 गलतियां थीं। जिसे लेकर राज्यसभा सदस्य टीके रंगराजन ने याचिका दायर की थी। इसके अलावा तमिल मीडियम के प्रश्न पत्र में शब्दों का गलत अनुवाद किया गया था। जिसकी वजह से परीक्षार्थियों ने भ्रम में आकर गलत आसंर दिया। इसके बाद इस साल आयोजित नीट (NEET) की परीक्षा में देने वाले तमिल मीडियम के छात्रों को पूरक अंक दिए जाने की मांग याचिका को मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ द्वारा स्थगित कर दिया था।
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यह याचिका सीबीएसई, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दायर किया गया था। इस याचिका की सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट की मदैर बेंच ने कहा कि छात्रों को स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि स्थानीय भाषा में सवाल में अस्पष्टता की दशा में अंग्रेजी भाषा के सवाल को अंतिम माना जाएगा। मालूम हो कि इस सास नीट 2018 की परीक्षा 6 मई को आयोजित किया गया था। इस बार नीट की परीक्षा में कुल 13 लाख अभ्यार्थी शामिल थे।
बता दें कि CBSE ने NEET 2018 की उत्तर पुस्तिका 25 मई को जारी कर दी थी। इसके बाद परीक्षार्थी 27 मई तक आंसर कीज, OMR सीट या टेस्ट बुकलेट कोड पर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते थे।