फीस वृद्धि पर स्कूलों की मनमानी: सरकार के डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत दो साल की जेल वाले आदेश को ठेंगा दिखाते स्कूल

By एसके गुप्ता | Published: April 22, 2020 07:24 AM2020-04-22T07:24:58+5:302020-04-22T07:24:58+5:30

दिल्ली के माउंट कारमल स्कूल ने न केवल अभिभावकों से एक साथ तीन माह की फीस मांगी है बल्कि ट्यूशन फीस में भी बढ़ोतरी करते हुए डवल्पमेंट चार्ज के अलावा सभी तरह के चार्ज लगाकर अभिभावकों से फीस वसूली जा रही है। ऐसे ही पश्चिम विहार स्थित भटनागर इंटरनेशनल स्कूल अभिभावकों से तीन माह की फीस एक साथ ले रहा है।

Lockdown: Schools are violating Disaster Management Act and increasing fees | फीस वृद्धि पर स्कूलों की मनमानी: सरकार के डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत दो साल की जेल वाले आदेश को ठेंगा दिखाते स्कूल

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsदिल्ली के माउंट कारमल स्कूल ने न केवल अभिभावकों से एक साथ तीन माह की फीस मांगी है बल्कि ट्यूशन फीस में भी बढ़ोतरी करते हुए डवल्पमेंट चार्ज के अलावा सभी तरह के चार्ज लगाकर अभिभावकों से फीस वसूली जा रही है।स्कूल प्रिंसिपल वीके विलियम्स से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने लोकमत को जवाब देते हुए कहा कि उनका स्कूल माइनोरिटी में आता है।

निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक के लिए पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार और सीबीएसई की ओर से निर्देश जारी किए गए। स्कूलों को सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह आपदा की इस घड़ी में अभिभावकों से केवल हर महीने ट्यूशन फीस ही लेंगे। इसके अलावा किसी तरह का डेवल्पमेंट, एनुअल या कन्वेंस चार्ज नहीं लेंगे। दिल्ली के शिक्षा निदेशक बिनय कुमार ने सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि अगर कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करेगा तो उस पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट-2005 और दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट-1973 के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिसमें एक साल का कारावास या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है। इसके अलावा अगर नियम उल्लंघन से जानमाल की हानि होती है तो दो साल के कारावास का प्रावधान है। लेकिन सरकार के इन आदेशों का स्कूलों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। दिल्ली के नामचीन स्कूल ही सबसे ज्यादा सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

दिल्ली के माउंट कारमल स्कूल ने न केवल अभिभावकों से एक साथ तीन माह की फीस मांगी है बल्कि ट्यूशन फीस में भी बढ़ोतरी करते हुए डवल्पमेंट चार्ज के अलावा सभी तरह के चार्ज लगाकर अभिभावकों से फीस वसूली जा रही है। स्कूल प्रिंसिपल वीके विलियम्स से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने लोकमत को जवाब देते हुए कहा कि उनका स्कूल माइनोरिटी में आता है। जहां तक लॉकडाउन का प्रश्न है तो वह खुलने के बाद ही सरकार की ओर से जारी आदेश निराधार हो जाएगा। स्कूल खुलने पर अभिभावकों को फीस तो देनी ही होगी। जिन अभिभावकों ने ज्यादा फीस दे दी है उनकी फीस को आगे एडजस्ट किया जाएगा।

ऐसे ही पश्चिम विहार स्थित भटनागर इंटरनेशनल स्कूल अभिभावकों से तीन माह की फीस एक साथ ले रहा है। जिसमें 11 हजार रुपए एनुअल चार्ज, 4320 रुपए डवलपमेंट फीस और 28905 रुपए ट्यूशन फीस के लिए जा रहे हैं। अभिभावकों की परेशानी यह है कि उन्हें बच्चों को पढ़ाना है इसलिए वह स्कूलों की इस लूट पर ना चाहकर भी चुप्पी लगा रहे हैं। क्योंकि सरकार को शिकायत करने के बाद भी शिक्षा निदेशालय केवल ऑर्डर जारी कर चुप्पी साधा बैठा है। अभिभावकों को कहना है कि जब शिक्षा निदेशायल को शिकायतें मिल रही हैं तो क्यों नहीं स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी नहीं कर रहा है।

अखिल भारतीय अभिभावक संघ के संस्थापक अध्यक्ष और हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि दिल्ली सरकार के सख्त आदेश के साथ यह जरूरी है कि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार कोई कानून लेकर आए। केवल आदेश देने से बात नहीं बनेगी। क्योंकि स्कूल हर आदेश को अपने अनुसार परिभाषित कर उसका लाभ लेने की कोशिश करते हैं। इसलिए ऐसे आदेशों की कमियों को दूर करने के लिए जरूरी है कि निजी और एनएडेड स्कूलों की मनमानी पर रोक के लिए सरकार एक कानून लाए। सरकार को चाहिए की ऐसे स्कूलों का ऑडिट कराए और फिर कोई निर्णय ले।

Web Title: Lockdown: Schools are violating Disaster Management Act and increasing fees

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