झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के साथ अपनी शिक्षा को भी आगे बढ़ाने का फैसला किया है. 10वीं पास महतो ने सोमवार को बोकारो जिला के बेरमो प्रखंड अंतर्गत नावाडीह स्थित देवी महतो महाविद्यालय में 11वीं कक्षा में दाखिला लिया. दरअसल, झारखंड में अब तक पांच शिक्षा मंत्री रहे हैं,लेकिन किसी की भी डिग्री स्नातक से कम नहीं रही. यह पहली बार है जब मैट्रिक पास जगन्नाथ महतो को शिक्षा मंत्री का दायित्व दिया गया. इसके करण न केवल महतो को, बल्कि राज्य सरकार को भी विपक्ष ने कटघरे में खड़ा किया.
महतो खुद स्वीकार करते हैं कि जब शिक्षामंत्री की भूमिका संभालने की मेरी क्षमता पर सवाल उठाए गए तो मुझे बहुत दुख हुआ, क्योंकि वह 10वीं पास करने के बाद राजनीति में आ गए और आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए.लेकिन मुझे हमेशा आगे न पढ़ पाने का मलाल रहा. उन्होंने कहा कि मैं अब 11वीं कक्षा में प्रवेश ले रहा हूं और मेहनत से पढ़ाई करके पास करूंगा.
महतो ने 11वीं में प्रवेश लेने के सवाल पर कहा कि शिक्षा हासिल करने की कोई उम्र सीमा नहीं होती है. कई लोग अन्य नौकरियों में रहते हुए भी आईएएस और आईपीएस की तैयारी करते हैं और सफल भी होते हैं. यह पूछे जाने पर कि राजनीति गतिविधियों एवं मंत्रालय के कार्य की व्यस्तता के बावजूद वे पढ़ाई के लिए कैसे समय निकाल पाएंगे, इस पर उन्होंने कहा कि जनता की सेवा पूर्व की तरह करते हुए मंत्रालय का कार्य भी करेंगे और महाविद्यालय में संचालित कक्षाओं में भी हिस्सा लेंगे. मकसद है कि बच्चों को भी पढ़ाएंंगे, खुद भी पढ़ेंगे.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 4,416 मॉडल स्कूल खोले जाएंगे. मैंने इसके लिए आदेश पर दस्तखत कर दिए हैं. इससे राज्य में अधिक सुविधाओं के साथ बेहतर शिक्षा प्रदान की जा सकेगी. बता दें कि जगरनाथ महतो ने वर्ष 1995 में चंद्रपुरा प्रखंड के नेहरू उच्च विद्यालय तेलो से मैट्रिक की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में पास की थी.