10वीं और 12वीं की परीक्षा के इंतजार में आईसीएसई बोर्ड के छात्र, बोर्ड की चुप्पी से अभिभावक तनाव में

By नितिन अग्रवाल | Published: April 26, 2020 08:41 AM2020-04-26T08:41:46+5:302020-04-26T08:41:46+5:30

कोरोना लॉकडाउन के चलते देश के ज्यादातर शिक्षा बोर्डों ने या तो अपनी परीक्षाएं रद्द कर दी हैं या फिर उन्हें टालने का फैसला कर लिया है लेकिन आईसीएसई बोर्ड की चुप्पी से हजारों छात्र अधर में लटके हैं.

ICSE board students waiting for 10th and 12th exams parents tense by the silence of the board | 10वीं और 12वीं की परीक्षा के इंतजार में आईसीएसई बोर्ड के छात्र, बोर्ड की चुप्पी से अभिभावक तनाव में

10वीं और 12वीं की परीक्षा के इंतजार में आईसीएसई बोर्ड के छात्र, बोर्ड की चुप्पी से अभिभावक तनाव में

Highlightsकोरोना लॉकडाउन के चलते देश के ज्यादातर शिक्षा बोर्डों ने या तो अपनी परीक्षाएं रद्द कर दी हैं या फिर उन्हें टालने का फैसला कर लिया है लेकिन आईसीएसई बोर्ड की चुप्पी से हजारों छात्र अधर में लटके हैं.बोर्ड की तरफ से कोई स्पष्ट सूचना न होने और तरह-तरह की अफवाहों के कारण छात्रों और अभिभावकों में बैचनी बढ़ रही है.

नई दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन के चलते देश के ज्यादातर शिक्षा बोर्डों ने या तो अपनी परीक्षाएं रद्द कर दी हैं या फिर उन्हें टालने का फैसला कर लिया है लेकिन आईसीएसई बोर्ड की चुप्पी से हजारों छात्र अधर में लटके हैं. बोर्ड की तरफ से कोई स्पष्ट सूचना न होने और तरह-तरह की अफवाहों के कारण छात्रों और अभिभावकों में बैचनी बढ़ रही है. देशभर में शिक्षा का जिम्मा संभालने वाला मानव संसाधन मंत्रालय भी इस मामले में कुछ नहीं कर पा रहा. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है की आईसीएसई बोर्ड में ना तो उनका कोई दखल है और ना ही कोई नियंत्रण.

बोर्ड की ओर से मंत्रालय को कोई सूचना भी नहीं दी जाती है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने स्वीकार किया बोर्ड की ओर से किसी प्रकार की सूचना नहीं दिए जाने की वजह से लाखों की संख्या में छात्र और उनके अभिभावक परेशान तो हो रहे हैं लेकिन वह चाहते हुए भी इस बारे में उनकी कोई मदद नहीं कर सकते. हालांकि मंत्रालय की ओर से बोर्ड को छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए फैसला करने का सुझाव दिया गया है. आईसीएसई बोर्ड से दसवीं की परीक्षा देने वाले एक छात्र ने बताया आमतौर पर इस समय तक इम्तेहान हो चुके होते हैं. लेकिन लॉकडाउन की वजह से इस बार कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है ऐसे में उन्हीं किताबों और कोर्स को हम कब तक पढ़ते रह सकते हैं. एक अध्यापक ने बताया कि छात्र और उनके अभिभावक बार-बार इस बारे में सवाल करते हैं लेकिन हमारे या स्कूल के पास भी कोई जानकारी नहीं है.

गाजियाबाद के एक अन्य स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा कि छात्रों के सवालों के बारे में बोर्ड को सूचना दी गई है लेकिन बोर्ड की ओर से कोई जवाब नहीं मिला. हर साल दो लाख छात्र देते हैं इम्तेहान देशभर में करीब 2300 स्कूल आईसीएसई बोर्ड के तहत दसवीं और बारहवीं की परीक्षा करते हैं. जिनमें हर साल लगभग 2 लाख छात्र शामिल होते हैं. इन छात्रों को हो रही इस परेशानी को देखते हुए 'लोकमत समाचार' ने आईसीएसई बोर्ड से परीक्षाओं की तारीखों के बारे में जानना चाहा लेकिन संगठन के रजिस्टर्ड कार्यालय से लेकर अन्य क्षेत्रीय कार्यालयों से भी कोई उत्तर नहीं मिला. बोर्ड के प्रमुख कार्यकारी और सचिव जेरी अराथुन ने भी सिर्फ यही कहा गया कि उनके पास फिलहाल कोई सूचना नहीं है. हालांकि बोर्ड के एक अन्य पदाधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन को लेकर ही जब कोई फैसला नहीं हुआ है तो बोर्ड परीक्षाओं के बारे में कैसे फैसला कर सकता है. ऐसे में परीक्षाओं की तारीख लॉकडाउन खुलने के बाद ही तय की जाएगी और स्कूल तथा छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा.

Web Title: ICSE board students waiting for 10th and 12th exams parents tense by the silence of the board

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