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एचआरडी मंत्रालय का दिशा निर्देश ‘प्राज्ञाता’, प्री-प्राइमरी छात्रों की 30 मिनट से ज्यादा क्लास नहीं लेंगे स्कूल

By भाषा | Updated: July 15, 2020 13:28 IST

मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने स्कूलों द्वारा संचालित ऑनलाइन कक्षाओं के दिशा-निर्देशों की घोषणा की, छात्रों के लिए इन कक्षाओं के लिए समय-सीमा की सिफारिश की। प्री-प्राइमरी छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं 30 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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ठळक मुद्देएचआरडी मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कक्षा पहली से आठवीं तक के लिए प्रत्येक 45 मिनट तक के दो ऑनलाइन सत्र, कक्षा नौ से 12वीं के लिए चार सत्र होंगे।निशंक ने ट्वीट कर कहा, ‘‘स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों के लिये डिजिटल शिक्षा दिशा निर्देश ‘‘प्राज्ञाता’’ पेश कर रहे हैं।’’ डिजिटल शिक्षा के दौरान मानसिक एवं शारीरिक तनाव से निपटने सहित छात्रों आदि के लिये अन्य मुद्दों पर अनुशंसाएं की गयी हैं।

नई दिल्लीः मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने डिजिटल शिक्षा के दौरान छात्रों में मानसिक एवं शारीरिक तनाव से निपटने सहित अन्य मुद्दों पर स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों के लिये डिजिटल शिक्षा दिशा निर्देश तैयार किया है।

केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यह दिशा निर्देश जारी किया । इन दिशा निर्देशों में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिये प्रति दिन के हिसाब से आनलाइन सत्र की अवधि और संख्या निर्धारित की गई है। निशंक ने ट्वीट कर कहा, ‘‘स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों के लिये डिजिटल शिक्षा दिशा निर्देश ‘‘प्राज्ञाता’’ पेश कर रहे हैं।’’

मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि इसमें डिजिटल शिक्षा के दौरान मानसिक एवं शारीरिक तनाव से निपटने सहित छात्रों आदि के लिये अन्य मुद्दों पर अनुशंसाएं की गयी हैं। मंत्रालय के बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा, ‘‘डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा पर यह दिशा निर्देश बेहतर गुणवत्ता के साथ ऑनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने में मददगार होगा।’’ इन दिशा निर्देशों में डिजिटल पहुंच वाले छात्रों, सीमित डिजिटल पहुंच वाले छात्रों या डिजिटल पहुंच से वंचित छात्रों, सभी के लिये एनसीईआरटी के वैकल्पित अकादमिक कैलेंडर के उपयोग पर जोर दिया गया है।

प्राज्ञाता दिशा निर्देश में डिजिटल या ऑनलाइन शिक्षा को लेकर आठ कदम सुझाएं गए हैं

प्राज्ञाता दिशा निर्देश में डिजिटल या ऑनलाइन शिक्षा को लेकर आठ कदम सुझाएं गए हैं जिसमें योजना, समीक्षा, व्यवस्था, मार्गदर्शन, वार्ता, कार्य, निगरानी और सराहना शामिल है। इसमें स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों के लिये विभिन्न क्षेत्रों में सुझाव दिये गए हैं जिनमें मूल्यांकन की जरूरत, ऑनलाइन शिक्षा के दौरान अवधि, समावेश, ऑनलाइन संतुलन, ऑफलाइन गतिविधि आदि को लेकर योजना बनाते समय विभिन्न चिंताओं को ध्यान में रखने की बात कही गई है।

इन दिशा निर्देशों में डिजिटल शिक्षा के दौरान शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य एवं कुशलता से जुड़े आयाम पर ध्यान देने पर भी जोर दिया गया है। इसमें साइबर सुरक्षा, आचार, साइबर सुरक्षा को बनाये रखने के लिये उठाये जाने वाले एहतियात पर भी बल दिया गया है। इसमें कहा गया है कि पूर्व प्राथमिक कक्षा के लिये नियत दिन में अभिभावकों के साथ चर्चा करने की बात कही गई है जो 30 मिनट की हो सकती है। पहली से बारहवीं कक्षा के छात्रों को एनसीईआरटी के वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर को अपनाने की सिफारिश की गई है।

इसके अलावा जब प्राथमिक कक्षा के लिये ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएं तब पहली कक्षा से आठवीं कक्षा के छात्रों को समकालिक ऑनलाइन शिक्षा को लेकर उस दिन दो सत्र से अधिक आयोजित न हो और यह 30-45 मिनट का हो। इसी प्रकार से नौवीं से बारहवी कक्षा के लिये समकालीन आनलाइन शिक्षा निर्धारित दिवस चार सत्र से अधिक का न हो । गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए देश के स्कूलों में अभी डिजिटल माध्यम से पठन-पाठन का कार्य चल रहा है। 

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