लोकमत समाचार एक्सक्लूसिव: सरकारी स्कूल और ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को दिल्ली यूनिवर्सिटी के दाखिले में मिलेगा 1% का वेटेज
By एसके गुप्ता | Published: May 15, 2019 10:00 AM2019-05-15T10:00:51+5:302019-05-15T10:00:51+5:30
14 मई पहली बार देश के किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय में सरकारी स्कूल या ग्रामीण परिवेश से आने वाले विद्यार्थियों को दाखिले में 1 फीसदी अंकों का वेटेज देने की कवायद की जा रही है.
पहली बार देश के किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय में सरकारी स्कूल या ग्रामीण परिवेश से आने वाले विद्यार्थियों को दाखिले में 1 फीसदी अंकों का वेटेज देने की कवायद की जा रही है. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रयोग के तौर पर यह योजना दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में लागू करने की कवायद चल रही है. जिसके सफल होने पर केंद्र सरकार अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी इस योजना को अमल में लाएगी. सरकार इस प्रस्ताव से दाखिले में ग्रामीण और शहरी विद्यार्थियों के बीच की दूरी को कम करेगी.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि डीयू में इस साल दाखिले में यह प्रयोग होने जा रहा है. डीयू दाखिला कमेटी में इस प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा हो चुकी है. इसे अब डीयू की संवैधानिक संस्था अकादमिक परिषद में रखा जाएगा. डीयू अकादमिक परिषद और दाखिला स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य डॉ. रसाल सिंह ने लोकमत समाचार से विशेष बातचीत में कहा कि सरकारी और ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को दाखिले में 1 फीसदी अंकों की रियायत देने का प्रस्ताव उन्होंने ही तैयार किया है.
इसके अलावा डीयू के स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स में होने वाली प्रवेश परीक्षा के प्रश्न पत्र अंग्रेजी में होते हैं. प्रवेश परीक्षा के प्रश्न पत्र हिंदी माध्यम में भी हों यह प्रस्ताव भी डीयू प्रशासन के समक्ष दाखिला कमेटी में उनकी ओर से दिया गया है. इससे ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले उन छात्रों को प्रारंभिक स्तर पर ही दाखिला प्रक्रिया से बाहर नहीं होना पड़ेगा जो अंग्रेजी भाषा में कमजोर होने के कारण परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन से चूक जाते हैं.
दाखिला प्रक्रिया में पहली बार 'ऑनलाइन कैलकुलेटर' शामिल
किरोडीमल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. रसाल सिंह ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की दाखिला प्रक्रिया में पहली बार 'ऑनलाइन कैलकुलेटर' को शामिल किया जा रहा है. इससे दाखिला में कॉलेजों की मनमानी रुक जाएगी. दाखिला रजिस्ट्रेशन करते वक्त छात्र अपने अंकों का ब्यौरा भरेंगे तो 'ऑनलाइन कैलकुलेटर' छात्रों को कोर्स के हिसाब से उनका बेस्ट ऑफ फोर पर्सेंटाइल निकालकर दर्शाएगा और यह भी बताएगा कि आपका रजिस्ट्रेशन कैमिस्ट्री ऑनर्स, हिंदी ऑनर्स, अंग्रेजी ऑनर्स, गणित ऑनर्स या कौन-कौन से कोर्स में हो गया है.
जिन कोर्स में नहीं हुआ है उसकी वजह क्या है. इससे दाखिला कट ऑफ में नंबर आने पर विद्यार्थी कॉलेज में जाएंगे तो वहां की दाखिला कमेटी अपने हिसाब का गणित समझाकर छात्र को दाखिला देने से मना नहीं कर सकेंगी क्योंकि ऑनलाइन कैलकुलेटर की कैलकुलेशन ही कोर्स में दाखिले के लिए मान्य होगी.