लाइव न्यूज़ :

फैकल्टी के प्रोफेसर अध्यापन के दौरान नहीं कर सकेंगे फुल टाइम कोर्स में अध्ययन:SC

By भाषा | Updated: August 18, 2018 20:48 IST

अदालत ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय/संस्थान और मान्यता देने वाले प्राधिकारियों को इस बात को अवश्य सुनिश्चित करना चाहिये कि किसी भी शिक्षक/प्रोफेसर को विश्वविद्यालय/कॉलेज की पूर्व अनुमति हासिल किये बिना पूर्णकालिक कोर्स करने की इजाजत नहीं दी जाए।’’

Open in App

चेन्नई, 18 अगस्त: संकाय सदस्य के तौर पर काम करते हुए किसी शिक्षक या प्रोफेसर के पूर्णकालिक कोर्स करने के दस्तूर की निंदा करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने साफ कर दिया कि विश्वविद्यालय या संबंधित कॉलेज की पूर्व अनुमति के बिना इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।

अदालत ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय/संस्थान और मान्यता देने वाले प्राधिकारियों को इस बात को अवश्य सुनिश्चित करना चाहिये कि किसी भी शिक्षक/प्रोफेसर को विश्वविद्यालय/कॉलेज की पूर्व अनुमति हासिल किये बिना पूर्णकालिक कोर्स करने की इजाजत नहीं दी जाए।’’

अदालत ने कहा, ‘‘अन्यथा यह गलत संकेत देगा और सुविधा के लिये छात्र को प्रोफेसर बनने को कहा जा सकता है ताकि संख्या दिखाई जा सके और संस्थान एआईसीटीई से मान्यता हासिल कर सकता है और साथ ही उन्हें पूर्णकालिक पाठ्यक्रम करने की अनुमति दे सकता है। यह प्रथा अनुचित है।’’

न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने परीक्षा नियंत्रक के फैसले को बरकरार रखते हुए अपने हालिया आदेश में यह टिप्पणी की। परीक्षा नियंत्रक ने उन सारी परीक्षाओं को अमान्य कर दिया था जिसमें एस ए पॉलीटेक्निक कॉलेज की एक महिला संकाय सदस्य भी शामिल हुयी थी।

याचिकाकर्ता पी शनमुगावल्ली ने कहा कि उन्होंने अन्ना विश्वविद्यालय में दो वर्षीय मेकैनिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में दाखिला लिया और कॉलेज में व्याख्याता के तौर पर नियुक्त हो गईं। चारों सेमेस्टर परीक्षा में बैठने के लिये उन्हें छुट्टी के लिये आवेदन दिया था।

उन्हें 2015 में पद से मुक्त कर दिया गया था और इस आधार पर नियमों के कथित उल्लंघन के लिये कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था कि वह पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने के दौरान पूर्णकालिक संकाय सदस्य के तौर पर काम कर रही थीं।

याचिकाकर्ता ने अपने जवाब में कहा कि उन्हें सेमेस्टर परीक्षाओं में बैठना है। परीक्षा नियंत्रक ने अप्रैल 2017 में उन सारी परीक्षाओं को अमान्य ठहरा दिया था, जिसमें याचिकाकर्ता बैठी थी। इसके बाद शनमुगावल्ली ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी।

टॅग्स :हाई कोर्टचेन्नई
Open in App

संबंधित खबरें

भारतफिर खुलेगी आईएएस संतोष वर्मा की फाइल, हाईकोर्ट ने पुलिस जांच को दी मंजूरी

भारतCyclone Ditwah: दक्षिणी भारत में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, चेन्नई समेत कई जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद

क्राइम अलर्टपति से अलग होकर महिला छात्रावास में रह रही थी पत्नी, मिलने के बहाने से हॉस्टल गया और कहासुनी के बाद दरांती से काटा, शव के साथ सेल्फी ले व्हाट्सएप स्टेटस पर डाला, वीडियो

कारोबारLPG Prices December 1: राहत की खबर, रसोई गैस की कीमतों में बड़ा बदलाव, मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, पटना और चेन्नई में घटे दाम, चेक करें

भारतCyclone Ditwah: तमिलनाडु में चक्रवात दित्वा का असर, झमाझम बारिश, IMD ने रेड अलर्ट जारी किया, भूस्खलन की कोई संभावना नहीं

पाठशाला अधिक खबरें

पाठशालास्प्रिंगर नेचर ने ICSSR, दिल्ली में 'इंडिया रिसर्च टूर' के तीसरे संस्करण को दिखाई हरी झंडी

पाठशालापढ़ाई पर है पूरा ज़ोर, नहीं रहेगा बच्चा कमजोर

पाठशालासत्यार्थी समर स्कूल: 11 देशों के प्रतिभागियों ने किया दिल्ली और राजस्थान आश्रम का दौरा

पाठशालाJEE Advanced: मन में है विश्वास हम होंगे कामयाब?, लगन और जुनून तो मंज़िल मुश्किल नहीं

पाठशालारूस-यूक्रेन के डर के बीच किर्गिस्तान में मेडिकल पढ़ाई को मिल रहा नया ठिकाना