मसौदा शिक्षा नीति में सभी स्कूल बोर्डों के लिए केंद्रीय नियामक का प्रस्ताव
By भाषा | Published: October 29, 2019 07:16 PM2019-10-29T19:16:03+5:302019-10-29T19:16:03+5:30
सरकार की मसौदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में सभी स्कूल बोर्डों के लिए एक केंद्रीय नियामक का प्रस्ताव किया गया है जिसका अर्थ है कि राज्य शिक्षा बोर्डों का विनियमन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की अध्यक्षता वाले एक राष्ट्रीय निकाय द्वारा किया जाएगा।
अब तक, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को छोड़कर किसी भी बोर्ड पर केंद्र की कोई निगरानी नहीं है और राज्य बोर्ड स्वायत्त हैं तथा राज्य सरकारें उनका विनियमन करती हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतिम मसौदे के अनुसार देश के सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों के लिए, मूल्यांकन और मानकों को विनियमित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक नियामक संस्था बनाई जाएगी।
यह संस्था यह सुनिश्चित करने के लिए भी होगी कि विभिन्न बोर्डों की मूल्यांकन पद्धति 21 वीं सदी की कौशल आवश्यकताओं को पूरा करे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है और अब अनुमोदन के लिए इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। लेकिन, मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार इसमें आखिरी क्षण में कुछ मामूली बदलाव हो सकते हैं।
अंतिम मसौदे के अनुसार, बोर्ड परीक्षा को ‘‘आसान’’ भी बनाया जाएगा। इसमें कहा गया है कि बोर्ड परीक्षाओं को इस रूप में आसान बनाया जाएगा कि वे महीनों की कोचिंग और रटने के बदले मुख्य क्षमताओं का परीक्षण करेंगी। इससे कोई भी छात्र जो स्कूल में बुनियादी प्रयास करता हो, वह अतिरिक्त प्रयास के बिना परीक्षा में सफल हो सकेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में एक समिति ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' के कार्यभार संभालने के बाद नयी नीति का मसौदा प्रस्तुत किया था।