भारत में डेटा साइंस और एनालिटिक्स क्षेत्र को नहीं मिल रहे योग्य उम्मीदवार, तकनीकी शिक्षा के मॉडल को अपग्रेड करने की जरूरत

By विकास कुमार | Published: March 6, 2019 07:05 PM2019-03-06T19:05:56+5:302019-03-06T19:06:34+5:30

70 प्रतिशत नौकरियां ऐसी हैं जहां कंपनियों को 5 साल से कम अनुभव वाले लोगों की जरूरत है. जो बीते वर्ष से 8 प्रतिशत ज्यादा है.

Data and Analytics sector is facing talent gap not getting eligible candidate for AI jobs | भारत में डेटा साइंस और एनालिटिक्स क्षेत्र को नहीं मिल रहे योग्य उम्मीदवार, तकनीकी शिक्षा के मॉडल को अपग्रेड करने की जरूरत

भारत में डेटा साइंस और एनालिटिक्स क्षेत्र को नहीं मिल रहे योग्य उम्मीदवार, तकनीकी शिक्षा के मॉडल को अपग्रेड करने की जरूरत

Highlightsबीते वर्ष से डेटा साइंस और एनालिटिक्स के क्षेत्र में 45 प्रतिशत नौकरियां बढ़ी हैं लेकिन टैलेंट गैप के कारण योग्य लोगों की कमी दिख रही है. पूरी दुनिया चौथे औद्योगिक क्रांति के मुहाने पर खड़ी है.

हाल ही में की गई एक स्टडी के मुताबिक भारत में एनालिटिक्स सेक्टर में 97000 नौकरियां खाली हैं क्योंकि कंपनियों को इन पदों के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मिल रहा है. यह सर्वे ग्रेट लर्निंग कंपनी ने की है जिसमें यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. बीते वर्ष से डेटा साइंस और एनालिटिक्स के क्षेत्र में 45 प्रतिशत नौकरियां बढ़ी हैं लेकिन टैलेंट गैप के कारण योग्य लोगों की कमी दिख रही है. 

BFSI सेक्टर में है सबसे ज्यादा नौकरियां 

70 प्रतिशत नौकरियां ऐसी हैं जहां कंपनियों को 5 साल से कम अनुभव वाले लोगों की जरूरत है. जो बीते वर्ष से 8 प्रतिशत ज्यादा है. रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र में लोगों की औसत सैलरी 11.5 लाख प्रति वर्ष है जो भारत में आम क्रमचारियों की औसत सैलरी से बहुत ज्यादा है. बैंकिंग, फाइनेंसियल सेक्टर और इन्सुरेंश क्षेत्र (BFSI) में  डेटा साइंस की नौकरियां सबसे ज्यादा आ रही है और इसके एनर्जी सेक्टर का स्थान आता है. 

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस(AI)

पूरी दुनिया चौथे औद्योगिक क्रांति के मुहाने पर खड़ी है. आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस के इस दौर में परंपरागत और लो स्किल नौकरियां दांव पर लगी हुई हैं और दुनिया के कई नामी एजेंसियों ने इस बात को लेकर आगाह किया है कि एआई तकनीक के कारण बड़े पैमाने पर कंपनियों में छटनी होगी. लेकिन हर नए तकनीक के दो पहलू होते हैं. एआई और मशीन लर्निंग के साथ भी ऐसा ही है. 

एक तरफ तो नौकरियां कम हो रही हैं लेकिन दूसरी तरफ रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो रहे हैं और लोगों को हाई सैलरी भी मिल रहा है. बस जरूरत है अपने स्किल को अपग्रेड करने की और नए तकनीकों को साधने की. तमाम कंपनियां अपने क्रमचारियों के रिज्यूमे को अपग्रेड करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट और लिंक्डइन ने प्रोजेक्ट संगम के तहत अपने टेक्नोक्रेट्स को ट्रेनिंग दे रहे हैं. इंफोसिस ने भी इसी तरह का प्रोग्राम चलाया है. 

कौन सी कंपनियां कर रही है सबसे ज्यादा भर्तियां 

एक्सेंचर (Accenture)
अमेज़न (Amazon) 
केपीएमजी (KPMG)
हनीवेल (HONEYWELL)
डेलॉयट (DELOITTE)

Web Title: Data and Analytics sector is facing talent gap not getting eligible candidate for AI jobs

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