आशीष दुबे.
महाराष्ट्र की उप राजधानी नागपुर में कोरोना वायरस का पहला केस आने के बाद राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने पूर्व नियोजित सभी शैक्षणिक चर्चासत्र, परिषद व संगोष्ठी रद्द कर दी गई है। इसके अवाला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर सिद्धार्थविनायक काणे ने संकेत दिया है कि परीक्षाएं स्थगित की जा सकती है। सरकार के फैसले का इंतजार किया जा रहा है।
'लोकमत' को मिली जानकारी के मुताबिक परीक्षाओं को स्थगित करने पर विश्वविद्यालय में चर्चा जारी है। हालांकि अभी सरकार की ओर से किसी तरह का कोई निर्देश नहीं मिला है। कुलपति डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे ने कहा कि अभी सरकार की ओर से कोई दिशानिर्देश नहीं मिले हैं, लेकिन इस बात की संभावनाएं हैं कि परीक्षा स्थगित हो। आने वाले तीन-चार दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
अप्रैल में हो सकती हैं विश्वविद्यालय की परीक्षाएं
दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण व नागपुर में एक रोगी की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद विश्वविद्यालय में परीक्षाओं को स्थगित करने को लेकर अधिकारियों के बीच चर्चाओं का दौर जारी है। अधिकारियों का मानना है कि किसी तरह की तनाव की स्थिति से बचने के लिए परीक्षाओं को कुछ दिन के लिए स्थगित करना बेहतर होगा। यह भी दलील दी जा रही है कि पहले व दूसरे चरण की परीक्षा में परीक्षार्थियों की संख्या कम है। सर्वाधिक परीक्षार्थी तीसरे व चौथे चरण की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। परीक्षा का तीसरा व चौथा चरण अप्रैल व मई से शुरू होगा। तब तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।
कोरोना वायरस के खतरे को लेकर विश्वविद्यालय ने जारी की एडवाइजरी
नागपुर विश्वविद्यालय ने अपने शैक्षणिक विभाग, संचालित महाविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों के प्रमुखों को कोरोना वायरस को लेकर एडवाइजरी जारी की है। इसमें उन्हें कोरोना वायरस से निपटने के लिए आवश्यक उपाय करने के सुझाव दिए गए हैं। गौरतलब है कि गुरुवार को 'लोकमत' ने कोरोना वायरस को लेकर बेपरवाह विश्वविद्यालय व बोर्ड शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसमें खुलासा किया था कि परीक्षा को देखते हुए विवि ने अब तक विद्यार्थियों को कोरोना वायरस के चपेट में आने से बचाने के लिए कोई उपाय नहीं किए हैं।
हालांकि विश्वविद्यालय के परीक्षा व मूल्यमापन मंडल के निदेशक डॉ. प्रफुल्ल साबले व स्वयं डॉक्टर खटी ने दावा किया था कि उन्होंने एक एडवाइजरी जारी की है। जबकि हकीकत का खुलासा आज हुआ है। शैक्षणिक विभाग के प्रमुख, संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों को भेजे गए पत्र की प्रति लोकमत समाचार को मिली थी, इसमें दर्ज तिथि से यह खुलासा हुआ है।
4.5 लाख परीक्षार्थी होंगे बोर्ड परीक्षा में शामिल
परीक्षा में 4.5 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होने वाले हैं। परीक्षा के लिए हर चरण में 150 से अधिक परीक्षा केंद्र होते हैं। परीएक्षाएं दो सत्रों में होती है। एक केंद्र में एक सत्र में कम से कम 500 से 700 विद्यार्थी शामिल होते हैं।राज्य शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं की परीक्षा 18 फरवरी से और कक्षा 10वीं की परीक्षा 3 मार्च से शुरु हो चुकी हैं. दोनों ही परीक्षा के लिए संभाग में 1500 से अधिक परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।