17 भारतीय विश्वविद्यालयों के छात्रों को नि:शुल्क मिलेंगी सुशासन पर लिखी पुस्तक की प्रतियां
By भाषा | Published: January 16, 2020 08:54 PM2020-01-16T20:54:36+5:302020-01-16T20:54:36+5:30
पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक विनोद राय द्वारा लिखी गई इस किताब का शीर्षक ‘रीथंकिंग गुड गवर्नेंस: होल्डिंग टू एकाउंट इंडियाज पब्लिक इंस्टिट्यूशंस’ है।
भारत की संवैधानिक रूप से स्थापित सार्वजनिक संस्थाओं पर लिखी गई एक पुस्तक की प्रतियां 17 भारतीय विश्वविद्यालयों के लगभग तीन लाख छात्रों को कंपनियों की मदद से नि:शुल्क बांटी जाएंगी। यह किताब छात्रों को संसद और भारतीय रिजर्व बैंक तथा अन्य संस्थाओं की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देगी।
पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक विनोद राय द्वारा लिखी गई इस किताब का शीर्षक ‘रीथंकिंग गुड गवर्नेंस: होल्डिंग टू एकाउंट इंडियाज पब्लिक इंस्टिट्यूशंस’ है जो संसद, उच्चतम न्यायालय, भारतीय रिजर्व बैंक, निर्वाचन आयोग, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) सहित नौ सार्वजनिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली के बारे में संक्षिप्त ज्ञान प्रदान करती है।
सिंगापुर में बुधवार को किताब के विमोचन अवसर पर 71 वर्षीय पूर्व आईएएस अधिकारी राय ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि यह इन सार्वजनिक संस्थाओं के बारे में छात्रों को जानकारी देने में मदद करेगी।’’
किताब का विमोचन गृह एवं कानून मंत्री के. षणमुगम ने इंस्टिट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज में किया जो सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का विचार संगठन है। राय ने इस अवसर पर घोषणा की कि पुस्तक की प्रतियां 17 भारतीय विश्वविद्यालयों के लगभग तीन लाख छात्रों को कंपनियों की मदद से नि:शुल्क बांटी जाएंगी।