क्या हमें फांसी दी जाएगी या आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाएगी? दर्जी कन्हैयालाल के हत्यारों ने NIA से पूछा
By अनिल शर्मा | Published: July 6, 2022 01:54 PM2022-07-06T13:54:35+5:302022-07-06T14:20:36+5:30
जांच से पता चलता है कि कन्हैयालाल की हत्या का फैसला अपराध से लगभग एक सप्ताह पहले लिया गया था।
जयपुरः उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल के हत्यारों ने एनआईए से पूछा कि उनके अपराध के लिए अदालत द्वारा फांसी दी जाएगी या आजीवन कारावास? 28 जून को रियाज अटारी और गौस मोहम्मद ने नूपुर शर्मा का समर्थन करने के लिए उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या कर दी थी।
आतंरिक सुरक्षा एजेंसियों का कहना है बर्बर तरीके से दर्जी की हत्या को लेकर उनको जरा भी पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा कि हत्यारों को सिर्फ एक ही बात की चिंता है कि उन्हें फांसी दी जाएगी या फिर आजीवन कारावास की सजा मिलेगी।
हत्यारे की जोड़ी और उनके साथी वर्तमान में एनआईए की हिरासत में हैं। जांच से पता चलता है कि कन्हैयालाल की हत्या का फैसला अपराध से लगभग एक सप्ताह पहले लिया गया था। आरोपी गौस मोहम्मद ने वेल्डर रियाज अटारी द्वारा तैयार किए गए कसाई चाकू का उपयोग करके हत्या को अंजाम दिया था। रियाज और गौस दोनों सूफी बरेलवी मुसलमान हैं। अपराध के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। दोनों को अजमेर दरगाह जाते समय गिरफ्तार किया गया था।
उधर, मंगलवार को कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता को पत्र लिखकर उदयपुर कांड की जांच का दायरा बढ़ाने की मांग की थी। डोटासरा ने कहा था कि इस घटना के एक आरोपी मोहम्मद रियाज अख्तरी के बारे में मीडिया में आए तथ्यों को देखते हुए एजेंसी को जांच का दायरा बढ़ाना चाहिए।
पत्र में डोटासरा ने लिखा है कि मीडिया में आईं खबरों के अनुसार अख्तरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सक्रिय सदस्य था और वह लगातार भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल होता था तथा उदयपुर से भाजपा विधायक गुलाबचंद कटारिया के साथ उसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आई हैं।
डोटासरा ने पत्र में लिखा कि मीडिया में आईं खबरों के अनुसार चार जुलाई को जम्मू कश्मीर के रियासी में जम्मू पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो आतंकवादियों में से एक तालिब हुसैन शाह भी भाजपा के जम्मू अल्पसंख्यक मोर्चे का सोशल मीडिया प्रभारी था। डोटासरा ने कहा, ‘‘इन खबरों से देशवासियों में बेचैनी है कि कहीं सत्ता के लालच में भाजपा देश विरोधी गतिविधियों का समर्थन तो नहीं कर रही।