उत्तर प्रदेश: रेप की सूचना देने पर पुलिस ने पीड़‍िता को ठहराया दोषी, लड़की ने आग लगाकर दी जान

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: March 6, 2018 03:13 IST2018-03-06T03:12:22+5:302018-03-06T03:13:22+5:30

पुलिस ने सोमवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि लड़की के भाई ने दो लड़कों के साथ उसे आपत्तिजनक स्थिति में देख लेने के बाद उसकी पिटाई की और इसी ग्लानि से उसने आत्महत्या की है।

Uttar Pradesh: Victim inform police for rape, girl is set on fire | उत्तर प्रदेश: रेप की सूचना देने पर पुलिस ने पीड़‍िता को ठहराया दोषी, लड़की ने आग लगाकर दी जान

उत्तर प्रदेश: रेप की सूचना देने पर पुलिस ने पीड़‍िता को ठहराया दोषी, लड़की ने आग लगाकर दी जान

बांदा, 5 मार्च: उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के बदौसा थाना क्षेत्र में कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की कोशिश के मामले में पुलिस द्वारा पीड़ित परिवार को ही हिरासत में ले लिए जाने के बाद लड़की ने खुद को आग लगाकर जान दे दी। पीड़िता के परिजनों ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक शालिनी पर आरोपी युवकों और थाना पुलिस के पक्ष में खुलकर उतरने का आरोप लगाया। पुलिस की गलत कारस्तानी से क्षुब्ध होकर जान देने वाली नाबालिग लड़की के चाचा सुघर सिंह ने सोमवार को फिर दोहराया, "मेरी भतीजी शनिवार सुबह शौच के लिए खेतों की तरफ गई थी, जहां गांव के ही अजय सिंह और माधव ने उसे पकड़ लिया और सामूहिक दुष्कर्म की कोशिश की। जब हम आरोपियों के घर उलहना देने गए, तो वे उलटे मारपीट पर उतारू हो गए।" 

उसने आगे बताया, "हमने डायल 100 की पुलिस को सूचना दी और पूरी घटना बताई। लेकिन लमेहटा चौकी प्रभारी पहले दोनों पक्ष को अपने साथ ले गए, बाद में आरोपी पक्ष को कुछ दूर ले जाकर छोड़ दिया और हमें थाने के लॉकअप में तब तक बंद किए रही, जब तक मेरी भतीजी के आत्मदाहा करने लेने की सूचना थाने नहीं आ गई।"

सुघर सिंह ने कहा, "थानाध्यक्ष ने मेरी भतीजी की मौत की सूचना मिलने के बाद खुद हमें पुलिस की सरकारी जीप से गांव ले गए।"उसने पुलिस अधीक्षक शालिनी के उस बयान पर तीखी नाराजगी व्यक्त की, जिसमें उन्होंने झूठी कहानी गढ़ते हुए सोमवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि लड़की के भाई ने दो लड़कों के साथ उसे आपत्तिजनक स्थिति में देख लेने के बाद उसकी पिटाई की और इसी ग्लानि से उसने आत्महत्या की है।

एसपी शालिनी की 'संवेदनहीनता' पर आक्रोश प्रकट करते हुए सुघर सिंह ने कहा, "एसपी साहिबा सिर्फ इतना बता दें कि जब हमारे खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं था तो बदौसा पुलिस 24 घंटे हमें लॉकअप में क्यों बंद किए रही और मेरी भतीजी के शव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करें। यदि उसके भाई ने पीटा होगा, तो शरीर पर बाहरी चोंटों के निशान तो होंगे।"

उसने यह भी कहा कि लड़की अपने बचाव में दोनों युवकों से भिड़ गई थी और किसी तरह उनकी गिरफ्त से छूटकर भागी। पुलिस अगर पीड़िता के परिजनों को लॉकअप में बंद करने के बजाय दोषी युवकों पर कार्रवाई की होती, तो आज उसकी भतीजी जिंदा रहती।सुघर सिंह ने आरोप लगाया कि एसपी शालिनी जहां आरोपी युवकों का बचाव कर रही हैं, वहीं दोषी बदौसा पुलिस का भी बचाव कर घटना को नया रूप देने की कोशिश कर रही हैं। उसने कहा, "एक महिला एसपी का जब एक नाबालिग लड़की के आत्मदाह पर दिल नहीं पसीजा, तो हम किससे न्याय की उम्मीद करें।" 

रविवार को एक नाबालिग लड़की ने उस समय खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जब शिकायत करने के बाद बदौसा पुलिस ने उलटे उसके परिजनों को ही लॉकअप में बंद कर दिया।

Web Title: Uttar Pradesh: Victim inform police for rape, girl is set on fire

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