कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में बदमाशों संग मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के कम से कम आठ पुलिसकर्मी मारे गए हैं। आठ पुलिस कर्मी घायल हो गए हैं, जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए। यूपी पुलिस ने यह जानकारी दी है। पुलिस ने बताया कि दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत दिकरू गांव में पुलिस की टीम आदतन अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रही था। उसी दौरान मुठभेड़ हो गई। जैसे ही पुलिस का एक दल अपराधी के ठिकाने के पास पहुंचने ही वाला था। उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई जिसमें पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल मारे गए। ये सब इतनी जल्दीबाजी में हुआ कि पुलिस को संभलने का मौक नहीं मिला। एसओ बिठूर समेत 6 पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक गंभीर रूप से घायल है। सभी घायलों को गंभीर हालत में रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर 60 आपराधिक मुकदमे दर्ज, हाल में किया था एक मर्डर
घटना राजधानी लखनऊ से 150 किमी दूर कानपुर के डिकरु गांव में हुई है। तीन थानों की टीम कुख्यात अपराधी विकास दूबे को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी। विकास के नाम 60 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। घटना के बारे में एसएसपी कानपुर ने कहा, हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर छापेमारी के लिए पुलिस पहुंची तो वहां बदमाश घात लगाए हुए बैठे थे उन्होंने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की। जिसमें हमारे 8 साथी शहीद हो गए हैं। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने हाल ही में एक मर्डर किया था, इसी केस के सिलसिले में टीम उसे पकड़ने के लिए गांव पहुंची थी। कानपुर के ही राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने इसके खिलाफ एक मामला दर्ज कराया था।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के इरादे से गई थी पुलिस
कानपुर के पुलिस दिनेश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पुलिस की टीम टीम अपराधी को गिरफ्तार करने के इरादे से गई थी लेकिन घात लगाकर बैठे अपराधियों ने पुलिस की टीम पर ही हमला बोल दिया। हमारी टीम पर तीन तरफ से लगातार गोलियां बरसाई गईं। उन्होंने बताया कि ये पूरा हमला प्लानिंग के साथ किया गया था।
सिलसिलेवार तरीके से समझिए रात को पुलिस और बदमाशों के बीच क्या हुआ?
-विकास दूबे को पकड़ने पुलिस की टीम देर रात लगभग 12.30 से 1 बजे के बीच गांव में पहुंची।-गांव में विकास दुबे ने अपने घर के रास्ते में जेसीबी लगाकर रास्ता ब्लॉक किया था। किसी तरह पुलिस फिर पहुंची। -लगभग रात करीब 1.15 बजे घर के पास पुलिस पहुंची गई। -पुलिस के नजदीक पहुंचते ही बदमाशों ने छतों से रात डेढ़ बजे फायरिंग करना शुरू कर दिया। पुलिस टीम चारों तरफ से घिर चुकी थी। -लगभग 2.15 बजे तक पुलिस और बदमाशों के बीच फायरिंग होती रही-अंधेरे का फायदा उठाते हुए विकास दुबे अपने साथियों के साथ भाग गया था। मुठभेड़ में बड़ी संख्या में पुलिस के साथी घायल हो गए थे और आठ शहीद हुए।-सुबह लगभग 4 बजे पुलिस की टीम वहां पर पहुंची।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी (DGP HC Awasthi) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, अपराधियों ने गांव की तरफ जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया था। जेसीबी वगैरह से रास्ता रोका गया था लेकिन पुलिस की टीम उसे हटाकर गांव पहुंचने में सफल रही थी। पुलिस के गांव में दाखिल होते ही अपराधियों ने छतो से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
बदमाशों ने गायब किए पुलिस के हथियार भी
एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार (ADG Law and Order Prashant Kumar) ने कहा कि 7 लोग घायल हैं, इसमें से 5 पुलिसकर्मी भी हैं। पुलिस के हथियार गायब हैं, इसकी जांच चल रही है कि किसके पास कौन से हथियार थे। जो भी लोग इस अपराध में लिप्त थे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें ढूंढकर कानून के सामने पेश किया जाएगा। हमने इसमें स्पेशलिस्ट टीमों को लगाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में अपराधियों द्वारा गोलीबारी के बाद जान गंवाने वाले 8 पुलिस कर्मियों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने डीजीपी एचसी अवस्थी को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, उन्होंने घटना की रिपोर्ट भी मांगी है।
उत्तर प्रदेश कानपुर मुठभेड़: शहीद पुलिसकर्मियों की लिस्ट
शहीद पुलिसकर्मियों में सीओ बिल्हौर (डिप्टी एसपी) देवेंद्र कुमार मिश्र, एसओ शिवराजपुर महेश यादव, चौकी इंचार्ज मंधना अनूप कुमार, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर नेबूलाल, कांस्टेबल थाना चौबेपुर सुल्तान सिंह, कांस्टेबल बिठूर राहुल, कांस्टेबल बिठूर जितेंद्र और कांस्टेबल बिठूर बबलू शामिल है।