यह घिनौना और गंभीर अपराध, यूपी सरकार ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का सुप्रीम कोर्ट में किया विरोध

By अनिल शर्मा | Published: January 19, 2023 01:56 PM2023-01-19T13:56:12+5:302023-01-19T14:04:30+5:30

उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा भी सवार था। घटना से आक्रोशित किसानों ने एसयूवी के चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट पीटकर जान ले ली थी।

UP government opposed Ashish Mishra bail plea in the Supreme Court This heinous crime | यह घिनौना और गंभीर अपराध, यूपी सरकार ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का सुप्रीम कोर्ट में किया विरोध

यह घिनौना और गंभीर अपराध, यूपी सरकार ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का सुप्रीम कोर्ट में किया विरोध

Highlightsयूपी सरकार ने कहा कि यह एक गंभीर व घिनौना अपराध है और इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में उस समय हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे।

नयी दिल्लीः लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का गुरुवार विरोध करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि यह अपराध घिनौना एवं गंभीर है। उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की पीठ से कहा कि अपराध गंभीर है। गौरतलब है कि गुरुवार उच्चतम न्यायालय ने आशीष की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे हैं। गरिमा प्रसाद ने कहा, ‘‘ यह एक गंभीर व घिनौना अपराध है और इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।’’ आशीष मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनका क्लाइंट पिछले एक साल से जेल में है।  उन्होंने कहा कि इस मामले में 400 से ज्यादा गवाह हैं जिनका बयान होना बाकी है। मौजूदा रफ्तार को देखते हुए तो पांच साल तक ट्रायल ही चलेगा। रोहतगी ने कहा कि आशीष मिश्रा को एक बार जमानत मिली फिर उच्चतम न्यायालय ने जमानत खारिज कर दी थी। 

गौरतलब है कि तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में उस समय हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, जब किसान क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा भी सवार था। घटना से आक्रोशित किसानों ने एसयूवी के चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट पीटकर जान ले ली थी। हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था। 

यूपी चुनाव के बाद आशीष मिश्रा को जमानत दे दी गई थी। मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा तो उसने आशीष की जमानत रद्द कर दी थी। इसके बाद मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया और इसपर सिरे से विचार करने को कहा। वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी जमानत रद्द कर दी। आशीष मिश्रा ने फिर जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 

भाषा इनपुट के साथ

Web Title: UP government opposed Ashish Mishra bail plea in the Supreme Court This heinous crime

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