झारखंड के सरायकेला-खरसावां में तबरेज अंसारी (24 वर्षीय) नाम के एक मुस्लिम युवक की मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) मामले में सभी 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप हटा दिया गया है। इस मामले पर तबरेज अंसारी की पत्नी एस. परवीन ने सीबीआई जांच की मांग की है। एस. परवीन ने कहा है, ''मेरे पति की हत्या एक लिंचिंग की घटना थी। पुलिस ने इस मामले में पहले धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया था। जिसको बाद में बदल कर धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत कर दिया गया। पुलिस आरोपियों को बचाना चाह रही है। इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।'' झारखंड पुलिस की ओर से आये अधिकारिक बयान में कहा गया है कि आरोपियों के खिलाफ लगे हत्या के आरोप (आईपीसी की धारा 302) को धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) में तब्दील कर दिया गया है।
तबरेज की भीड़ ने चोरी के आरोप 17 जून 2019 को पिटाई की थी। सोशल मीडिया पर आए इस घटना के वीडियो में अंसारी को एक खंभे से बांध कर पिटाई करते देखा गया। उस पर हमला करने वाले लोग जय श्री राम और जय हनुमान के नारे लगा रहे थे। इस घटना को लेकर देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए और लोगों में काफी रोष था।
तबरेज की मौत के सिलसिले में 13 लोगों को गिरफ्तार हुए थे
सरायकेला खरसावां जिला के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हमने संबद्ध अधिकारियों की राय लेने के बाद आईपीसी की धारा 302 को 304 में तब्दील कर दिया है। संबद्ध अधिकारी भी तबरेज अंसारी की लिंचिंग(भीड़ हत्या) के चलते मौत होने के बारे में किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाए थे।’’ उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किये गए 13 लोगों में से दो लोगों के खिलाफ आरोपपत्र एक स्थानीय अदालत में दाखिल किया गया और जल्द ही 11 आरोपियों के खिलाफ जांच पूरी की जाएगी। डॉक्टरों ने शुरूआत में दावा किया था कि तबरेज की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। तबरेज की मौत के सिलसिले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। धारा 302 के तहत मौत की सजा या उम्र कैद और जुर्माना का प्रावधान है, वहीं धारा 304 के तहत उम्र कैद या 10 साल की कैद या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग का पूरा मामला क्या है?
17 जून की रात तबरेज और दो अन्य लोगों पर एक गांव में एक मकान में चोरी के इरादे से घुसने का आरोप लगाया गया। इसके बाद, मकान में रहने वाले लोगों ने शोर मचाया और ग्रामीणों ने तबरेज को पकड़ लिया तथा उसकी पिटाई की। घटना की सुबह पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की शिकायत पर तबरेज को जेल ले गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लेकिन चोटों के चलते उसकी तबियत बिगड़ने पर उसी दिन उसे सदर अस्पताल ले जाया गया। बाद में उसे जमशेदपुर के टाटा मेन हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां उसे 22 जून को मृत घोषित कर दिया गया। घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया और कर्तव्य में लापरवाही बरतने को लेकर दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।