सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फरार गैंगेस्टर और 1993 के मुंबई बम धमाकों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम की संपत्तियों को जब्त करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (20 अप्रैल) को दाऊद की बहन हसीना पारकर और माँ अमीना बी कासकर की याचिका खारिज करते हुए ये फैसला दिया। जस्टिस आरके अग्रवाल की पीठ ने केंद्र सरकार को दाऊद की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया। मार्च 1993 में हुए मुंबई हुए 12 सिलसिलेवार बम धमाकों में 250 से ज्यादा लोग मारे गये थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। दाऊद इब्राहिम के भाई याकूब मेमन को मुंबई बम धमाकों में शामिल होने के लिए फांसी दी जा चुकी है।
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सरकार ने 1988 में दाऊद इब्राहिम की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू की थी। दाऊद की बहन हसीना और माँ कौसर ने इसे अदालत में चुनौती दी। ट्राइब्यूनल और दिल्ली हाई कोर्ट में मुकदमा हारने के बाद 1998 में दाऊद की बहन और माँ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। नवंबर 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर स्थगन आदेश दिया था। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि दाऊद ने अपनी कई संपत्तियों को अपनी माँ और बहन के नाम पर कर दिया था ताकि उन्हें कानूनी जामा पहनाया जा सके। दाऊद की माँ कौसर और बहन हसीना का निधन हो चुका है।
साल 2006 नें अदालत ने मुंबई बम धमाकों के 129 अभियुक्तों में से 100 को दोषी पाया था। दाऊद इब्राहिम का भाई टाइगर मेमन भी दोषियों में था लेकिन वो फरार है। दाऊद के परिवार के तीन लोगों को अदालत ने बरी किया था। पिछले साल मुंबई स्थित दाऊद का एक होटल और दूसरी संपत्तियाँ नीलाम हुई थीं। एक संगठन ने नीलामी में दाऊद इब्राहिम की कार खरीदकर उसे सार्वजनिक रूप से जला दिया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में रहता है। हालांकि पाकस्तान सरकार इस बात से हमेशा इनकार करती रही है।