Sandehskhali case: पश्चिम बंगाल में ममता सरकार को झटका लगा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ईडी अधिकारियों पर हमले से संबंधित संदेशखालि मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया।न्यायालय ने बंगाल पुलिस को शाहजहां शेख को शाम साढ़े चार बजे तक सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डिवीजन बेंच ने आदेश जारी किया। दो मामलों को सीबीआई को सौंपने का आदेश जारी किया गया। संदेशखालि में कई महिलाओं ने निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न एवं जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। शेख और उसके कई साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सुंदरबन के मुहाने पर स्थित संदेशखालि क्षेत्र टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उनके साथियों के खिलाफ यौन शोषण और भूमि हड़पने के आरोपों के कारण एक महीने से अधिक समय से हंगामे और प्रदर्शनों से जूझ रहा है। पुलिस ने 55 दिनों से फरार चल रहे शेख को गिरफ्तार किया था। शेख को उत्तर 24 परगना जिले के सुंदरवन के बाहरी इलाके में संदेशखालि से लगभग 30 किमी दूर मिनाखान थाना क्षेत्र में एक घर से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि शेख कुछ साथियों के साथ उस घर में छिपा था।
उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (दंगा करना), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना), 149 (गैरकानूनी सभा), 307 (हत्या का प्रयास), 333 (लोक सेवक को जान-बूझकर गंभीर चोट पहुंचाना) और 392 (डकैती) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में शेख के खिलाफ 100 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। इस दौरान उसकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिलाओं के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुआ। उसने बताया कि शेख और उसके सहयोगियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी (सामूहिक दुष्कर्म) समेत कई मामला दर्ज किये गये है।
इससे पहले शेख के करीबी सहयोगियों शिवप्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा, उसके एक अन्य सहयोगी अजीत मैती को भी जमीन हड़पने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि ज्यादातर शिकायतकर्ताओं ने दावा किया कि शाहजहां ने लोगों की जमीन पर कब्जा कर लिया।
इलाके की महिलाओं पर अत्याचार किया। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में पांच जनवरी को लगभग एक हजार लोगों की भीड़ ने ईडी के अधिकारियों पर उस वक्त हमला कर दिया था जब वे राज्य में कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में शेख के परिसर पर छापेमारी के लिए गये थे।