कोरोना जांच में सामने आ रहा है फर्जीवाड़ा, टारगेट पूरा करने के लिए जांच के बाद कंटेनर में फेंके गए स्वाब से फिर कर दिया जांच
By एस पी सिन्हा | Published: January 11, 2022 06:03 PM2022-01-11T18:03:48+5:302022-01-11T18:04:53+5:30
लैब टेक्नीशियन (एलटी) ने टारगेट पूरा करने के लिए जांच के बाद कंटेनर में फेंके गए स्वाब का ही पुन: अलग- अलग सैंपल बना आरटी-पीसीआर के लिए भेज दिया था.
पटनाः बिहार में स्वास्थ्य विभाग की महिमा ही अपरंपार है. यहां कोरोना जांच में भी ’खेला होबे’ का पर्दाफाश होने से सनसनी फैल गई है. दरअसल, समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर पीएचसी में कोरोना जांच में फर्जीवाडा किये जाने का मामला सामने आया है.
यहां एक लैब टेक्नीशियन (एलटी) ने टारगेट पूरा करने के लिए जांच के बाद कंटेनर में फेंके गए स्वाब का ही पुन: अलग- अलग सैंपल बना आरटी-पीसीआर के लिए भेज दिया था. नतीजा एक दिन में 115 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गए. बताया जाता है कि एकसाथ इतने लोगों के एक पॉजिटिव आने पर जब खलबली मची तो मामले की जांच शुरू की गई.
जांच में यह चौंकाने वाली हकीकत सामने आई. वहीं, जांच में प्रथमदृष्टया दोषी पाए जाने पर सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने दोषी लैब टेक्नीशियन दिनेश झा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही इस प्रकरण में शामिल अन्य सभी स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका की जांच करने का आदेश दिया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार कल्याणपुर पीएचसी में पांच जनवरी को कोविड सैंपल की आरटीपीसीआर जांच में एक साथ 115 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए थे. इतनी बडी संख्या में एकसाथ पॉजिटिव होने की अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए सिविल सर्जन ने कल्याणपुर पीएचसी प्रभारी से जांच प्रतिवेदन की मांग की थी.
साथ ही जिला स्तर से डीपीएम व आईडीएसपी को भी जांच के लिए कल्याणपुर पीएचसी भेजा था. जांच के दौरान (एलटी) प्रयोगशाला प्रावैधिकी राजेश शरण दास ने जांच टीम को बताया कि उस दिन जांच कराने वाले मरीजों की संख्या कम थी. इससे उनके साथ कार्यरत एलटी दिनेश झा ने पूर्व में जांच के बाद कंटेनर में रखे गए स्वाब का टारगेट पूरा करने के लिए अलग-अलग नाम से सैंपल तैयार कर जांच के लिए भेज दिया था. उक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएस ने एलटी दिनेश झा को प्रथम दृष्टया दोषी पाकर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर निलंबन की अवधि में पीएचसी मोहनपुर मुख्यालय कर दिया है.
इधर, राजधानी पटना में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच करा रहे कई लोग रिपोर्ट को लेकर असमंजस की स्थिति में रह रहे हैं. जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे लोगों के मोबाइल पर मैसेज निगेटिव का आ रहा है. लेकिन जब वे दिए गए लिंक पर प्रमाणपत्र अपलोड कर रहे हैं तो उसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव दिख रही है.
यह मामला तब पकड़ में आया, जब कुछ लोगों ने इसकी शिकायत कंट्रोल रूम में दर्ज कराई. छानबीन करने पर पता चला कि करीब 400 मामले में यह गड़बड़ी हुई है. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि यह सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी से हुआ होगा, इसकी जांच चल रही है.