राजस्थान पुलिस ने कहा, 'बलात्कार के सर्वाधिक मामले इसलिए सामने आये क्योंकि हमारे यहां 'निर्बाध एफआईआर' दर्ज की जाती है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 2, 2022 03:13 PM2022-09-02T15:13:55+5:302022-09-02T15:19:21+5:30
राजस्थान के एडीजी क्राइम रवि प्रकाश मेहरादा ने कहा कि राजस्थान में बलात्कार के सर्वाधिक मामले इसलिए दर्ज हुए हैं क्योंकि रेप संबंधित मामलों में प्रदेश के पुलिस थानों को आदेश दिया गया था कि वो फौरन प्राथमिकी को दर्ज करें।
जयपुर: राजस्थान पुलिस ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 'क्राइम इन इंडिया 2021' में रेप संबंधी आंकड़ों पर बयान जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश में अनिवार्य प्राथमिकी दर्ज करने और बहुत से झूठे मामलों के कारण दर्ज हुए मामलों से एनसीआरबी के रेप के आंकड़ों में प्रदेश को शीर्ष पर दिखाया गया है।
एनसीआरबी के मुताबिक साल 2021 में देश में बलात्कार के कुल 31,677 दर्ज हुए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 6,337 केस अकेले राजस्थान में दर्ज हुए हैं। इसके साथ ही प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर बलात्कार के घृणित डाटा को पेश करते हुए एनसीआरबी ने बताया कि बलात्कार के अपराध दर (प्रति लाख जनसंख्या) में भी राजस्थान अव्वल नंबर पर है। राजस्थान में यह 16.4 से भी सबसे अधिक है।
इस संबंध में प्रतिक्रया देते हुए प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) रवि प्रकाश मेहरादा ने कहा कि राजस्थान में बलात्कार के सर्वाधिक मामले दर्ज होने के पीछे मुख्य वजह महारी पुलिसिंग है। उन्होंने कहा कि रेप के अपराध में सख्त नीति का पालन करते हुए प्रदेश के पुलिस थानों को आदेश दिया गया था कि वो इस तरह के आरापों में प्राथमिकी को फौरन दर्ज करें। लेकिन पुलिस जांच के बाद रेप के कुल दर्ज मामले में 48 फीसदी केस झूठे पाए गये हैं।
इसके साथ ही एडीजी क्राइम मेहरादा ने कहा, "हम एनसीआरबी की रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं कि राजस्थान में बलात्कार के सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन इसका मुख्य कारण बिना किसी रूकावट प्राथमिकी दर्ज करने की हमारी नीति को जाता है।"
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी थानों को बलात्कार के अपराध में विशेष आदेश जारी किये गया हैं, जिसके जरिये हर थाने में संचालित होने वाली महिला हेल्पडेस्क पर पीड़िता को आरामदायक माहौल उपलब्ध कराया जाता है और इसी कारण पीड़िता बिना किसी भय या झिझक के अपने साथ हुए कुकर्म को पुलिसकर्मियों से साझा कर सकें और उसके बाद उनकी शिकायत को दर्ज करते हुए कार्रवाई की जाती है।
एनसीआरबी आंकड़ों के विषय में बात करते हुए एडीजी ने कहा कि लेकिन इसी 'क्राइम इन इंडिया 2021' में बताया गया है कि नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा के मामले में राजस्थान तुलनात्मक रूप से अन्य राज्यों से 'बेहतर स्थिति' में है।उन्होंने कहा कि राजस्थान पुलिस महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम और जांच पर विशेष ध्यान देती है और यही कारण है कि महिलाओं पर अत्याचार से जुड़े मामलों की जांच में लगने वाले औसत समय में भी काफी कमी आई है।
एडीजी रवि प्रकाश मेहरादा ने अंत में यह भी कहा कि राजस्थान में महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ होने वाले गंभीर अपराधों के प्रभावी जांच के लिए हमने राज्य के सभी जिलों में 'महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए विशेष इकाई' का भी गठन किया है।
मालूम हो कि एनसीआरबी के जारी ब्योरे में महिलाओं के खिलाफ कुल अपराधों में उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान दूसरे स्थान पर है, लेकिन रेप जैसे गंभीर अपराध के मामले में राजस्थान सूची में सबसे अव्वल स्थान पर है। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 56,083 दर्ज किए गए हैं।
उसके बाद राजस्थान में 40,738 केस दर्ज हुए हैं। वहीं यूपी और राजस्थान के बाद महाराष्ट्र 39,526 केस, पश्चिम बंगाल 35,884 केस और ओडिशा 31,352 केस के साथ तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर पर हैं। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)