Pune Porsche crash case: पिता ने चालक को अपहरण और बंधक बनाया, 31 मई तक पुलिस हिरासत में, तीन सदस्यीय समिति ने ससून अस्पताल का दौरा किया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 28, 2024 17:45 IST2024-05-28T17:44:37+5:302024-05-28T17:45:26+5:30
Pune Porsche crash case: समिति की अध्यक्षता कर रहीं ग्रांट मेडिकल कॉलेज और जेजे अस्पताल समूह की डीन डॉ. पल्लवी सपाले ने कहा कि हम दुर्घटना के बाद के घटनाक्रम की जांच करेंगे।

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Pune Porsche crash case: पुणे में पोर्श कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग चालक के रक्त नमूनों को कथित तौर पर बदलने की जांच कर रही तीन सदस्यीय समिति ने मंगलवार को यहां ससून अस्पताल का दौरा किया। पुलिस ने इस घटना के संबंध में सरकारी अस्पताल के फॉरेंसिक औषधि विभाग के प्रमुख डॉ. अजय तावड़े, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और स्टाफ सदस्य अतुल घाटकाम्बले को गिरफ्तार किया है। समिति की अध्यक्षता कर रहीं ग्रांट मेडिकल कॉलेज और जेजे अस्पताल समूह की डीन डॉ. पल्लवी सपाले ने कहा, ‘‘हम दुर्घटना के बाद के घटनाक्रम की जांच करेंगे।
नियमों के अनुसार जांच की जाएगी और एक रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।’’ पुणे के कल्याणी नगर में नाबालिग आरोपी ने अपनी पोर्श कार से मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कथित तौर पर टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गयी थी। पुलिस ने दावा किया कि 17 वर्षीय आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था।
पुलिस ने सोमवार को दावा किया कि किशोर के रक्त के नमूनों को नष्ट किया गया और उसे किसी अन्य व्यक्ति के नमूनों से बदल दिया गया, जिससे शराब का कोई सबूत नहीं मिला। इस संबंध में डॉ. तावड़े तथा दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पुणे कार दुर्घटना : अदालत ने नाबालिग के पिता को चालक के अपहरण मामले में पुलिस हिरासत में भेजा
पुणे की एक अदालत ने मंगलवार को पोर्श कार दुर्घटना में कथित रूप से शामिल एक किशोर के पिता को परिवार के चालक के कथित अपहरण और बंधक बनाने के मामले में 31 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। अदालत ने इसी मामले में आरोपी किशोर के दादा की पुलिस हिरासत भी 31 मई तक बढ़ा दी।
दोनों आरोपियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) ए.ए. पांडे के समक्ष पेश किया गया। दोनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) और 368 (गलत तरीके से छिपाना या बंधक बनाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुणे शहर के कल्याणी नगर इलाके में 19 मई की सुबह कथित तौर पर नाबालिग द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार पोर्श कार की चपेट में आने से दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी।
पुलिस का दावा है कि हादसे के वक्त किशोर नशे में था। नाबालिग के पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल (50) किशोर न्याय अधिनियम के तहत दर्ज मामले में पहले ही न्यायिक हिरासत में हैं। पुलिस ने आरोप लगाया है कि विशाल अग्रवाल और उनके पिता सुरेंद्र अग्रवाल (77) ने अपने चालक को पैसे का लालच और धमकी देकर दुर्घटना की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेने के लिए दबाव डाला। इस सिलसिले में सुरेंद्र अग्रवाल को 25 मई को गिरफ्तार किया गया और फिर अदालत ने उन्हें 28 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था।