बिहारः चर्चित सेक्स कांड में क्या आरोपी RJD विधायक अरुण यादव बचा रही है पुलिस? कोर्ट ने आईओ को लगाई फटकार
By एस पी सिन्हा | Published: October 23, 2019 04:52 PM2019-10-23T16:52:33+5:302019-10-23T16:52:33+5:30
पटना चर्चित सेक्स कांड: आरा जिले की एक किशोरी से राजधानी पटना में देह व्यापार का धंधा कराया जाता था. उस मामले में संदेश के राजद विधायक अरुण यादव व मनरेगा के एक इंजीनियर सहित अन्य लोगों का नाम आया था.
भोजपुर व पटना के चर्चित सेक्स कांड में आरोपित राजद विधायक अरुण यादव को क्या पुलिस अब बचाने में जुटी है? यह प्रश्न उस समय उठ खड़ा हुआ जब पुलिस ने कोर्ट में कार्रवाई के संबंध में अपडेट रिपोर्ट प्रस्तुत की. इस दौरान कोर्ट ने केस के आईओ को जमकर फटकार भी लगाई है. पॉक्सो के विशेष जज सह फर्स्ट एडीजे आरके सिंह इस मामले में सुलहनामा डाले जाने व उस पर आरोपित विधायक अरुण यादव का हस्ताक्षर होने पर काफी नाराज दिखे. इसे ले कोर्ट ने आईओ से सवाल भी पूछे.
कोर्ट ने आईओ से पूछे कई अहम सवाल
इसकी जानकारी पॉक्सो के स्पेशल पीपी सरोज कुमारी ने दी है. उनके अनुसार कोर्ट ने आईओ से पूछा कि सुलहनामा पर फरार चल रहे विधायक का भी हस्ताक्षर है. यह कैसे हो गया? आखिर पुलिस को विधायक का पता क्यों नहीं चल रहा है? इस पर आईओ ने अनभिज्ञता जाहिर की. उसने कहा कि सुलहनामे के बारे में कुछ जानकारी नहीं है.
इसके बाद कोर्ट ने सवाल किया कि विधायक के वेतन भुगतान पर रोक लगाने को ले कार्रवाई क्यों नहीं की गई? वेतन तो विधायक की चल संपत्ति है. कोर्ट जानना चाह रहा था कि विधायक की पत्नी के आवेदन पर उनके घर की कुर्की रोक दी गयी, लेकिन विधायक के वेतन भुगतान पर रोक नहीं लगाई जा सकी. इस पर आईओ ने बताया कि वेतन भी चल संपत्ति है. इस बारे में उनको जानकारी नहीं थी.
दो दिन पहले डाला गया था सुलहनामा
बताया जाता है कि कोर्ट ने इस मामले में पहले भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी. कोर्ट ने उस दिन भी आईओ पर कठोर टिप्पणी की थी. इसके बाद रोजाना अपडेट प्रगति रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया था. जानकारी के अनुसार इस चर्चित मामले में दो रोज पहले सुलहनामा डाला गया है. उस पर राजद विधायक अरुण यादव का हस्ताक्षर है.
जानें क्या है पटना के चर्चित सेक्स कांड का पूरा मामला?
आरा जिले की एक किशोरी से राजधानी पटना में देह व्यापार का धंधा कराया जाता था. उस मामले में संदेश के राजद विधायक अरुण यादव व मनरेगा के एक इंजीनियर सहित अन्य लोगों का नाम आया था. विधायक व इंजीनियर पर किशोरी के साथ गंदा काम करने का आरोप लगा है. इस मामले में इंजीनियर व धंधे के मास्टर माइंड सहित चार आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि विधायक सहित तीन अन्य अब भी फरार चल रहे हैं. पुलिस अभी तक उन्हें गिरफ्तार नही कर सकी है. इसबीच, विधायक के द्वारा उक्त मामले में लड़की के साथ सुलहनामे का आवेदन कोर्ट में पेश किया गया है. जबकि पुलिस केवल अपना खानापूर्ति करने में जुटी है.
यहां यह भी बता दें कि इसके पहले इस सेक्स स्कैंडल मामले में आरा के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके सिंह ने एक आवेदन पर सुनवाई के बाद पीड़िता की पुनर्वास के लिए अंतरिम क्षतिपूर्ति डेढ़ लाख की राशि देने का आदेश भोजपुर जिलाधिकारी को दिया है. एक माह पूर्व सेक्स स्केंडल में 164 सीआरपीसी के तहत पीडिता का बयान कोर्ट में दर्ज हुआ था, जिसमें उसने एक इंजीनियर व इस मामले में शामिल सेक्स स्कैंडल संचालक समेत अन्य का नाम लिया था.
साथ ही पटना स्थित एक राजद विधायक के फ्लैट में जाने की बात भी कही थी. फिर पीड़िता का बयान दूसरी बार 164 सीआरपीसी के तहत पुलिस के आवेदन पर कोर्ट में हुआ, जिसमें पीड़िता ने राजद विधायक अरुण यादव का नाम लिया था. इसके बाद पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए विधायक अरुण यादव पर दबिश बनाया. कोर्ट द्वारा जारी कुर्की-जब्ती के लिए विधायक के पैतृक गांव लसाढी स्थित घर का पुलिस द्वारा चल संपत्ति जब्त भी की गई, लेकिन विधायक अरुण यादव को पुलिस आजतक गिरफ्तार नहीं कर पाई. अब इस मामले में नया मोड आने से पुलिस के क्रिया कलापों पर प्रश्न चिन्ह लगने लगा है.