पटना में सीएम आवास में नौकरी दिलाने के नाम पर की थी ठगी, पुलिस ने धर दबोचा, जानें पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Published: December 18, 2021 05:18 PM2021-12-18T17:18:57+5:302021-12-18T17:20:08+5:30
पुलिस ने कहा है कि इस पहलू पर जांच की जायेगी कि वह किन-किन लोगों से बात करता था. पुलिस ठग के बैंक खातों को भी खंगालेगी. यह भी पता लगाया जा रहा है कि अब तक कितने लोगों के साथ इसने ठगी की है.
पटना: बिहार की राजधानी पटना में एक बड़े जालसाज को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जो सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम से ठगी करता था. मुख्यमंत्री आवास में वीडियोग्राफर की नौकरी दिलवाने के नाम पर वह लोगों का ठगता था. पुलिस ने जालसाज अनिल कुमार सिंह को पाटलिपुत्र थाने की पुलिस ने नेहरू नगर इलाके से धर दबोचा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार साईं मंदिर के समीप ठगी करते हुए एक युवक ने ही उसे पकड़ा. शख्स के पास से जालसाजी करने के बहुत से सामान बरामद किये गये. आरोपित के पास से मुख्यमंत्री आवास, डीजीपी, आईजीआईएमएस की दो-दो मुहर मिली है. इसके अलावा दरभंगा के एसएसपी बाबू राम के नाम का एक मुहर लगा कागज भी मिला. उप मुख्यमंत्री के नाम का विधानसभा सदस्य 227 दमालगंज, गया लिखा एक लेटर पैड भी बरामद किया गया.
अनिल कैसे आया पुलिस की गिरफ्त में
मनेर के रहने वाले एक युवक विवेक कुमार को नौकरी देने के नाम पर आरोपित अनिल ने झांसे में लिया. नौकरी के नाम पर उसने विवेक से एक लाख रुपये और एक लैपटॉप ठग लिया. भ्रम में रखकर रुपये ऐंठने के बाद अनिल ने विवेक का फोन रिसिव करना बंद कर दिया तो उसे यह महसूस होने लगा कि नौकरी दिलाने के नाम पर उसे ठग लिया गया है. अनिल पटना के नेहरु नगर में ही रहता था.
बताया जा रहा है कि अनिल को खुद विवेक ने ही सांई मंदिर के पास दबोच लिया और हंगामा करने लगा. इस बीच शोर-शराबा होने पर पुलिस मौके पर पहुंची तो अनिल को अपने कब्जे में ले लिया. पूरा मामला जानने के बाद पुलिस को आरोपित के पास से जो मिला वो चौंकाने वाला था.
हत्या के मामले में भी एफआईआर है दर्ज
पाटलिपुत्र थानेदार एसके शाही ने बताया कि अनिल पर लखनऊ में एक लड़की को छत से फेंककर हत्या करने की प्राथमिकी दर्ज है. अनिल द्वारा ठगे गए मूल रूप से मनेर के रहने वाले विवेक कुमार ने बताया कि एक साल पहले उसकी मुलाकात अनिल से हुई थी.
उसने मुख्यमंत्री आवास में नौकरी दिलवाने के नाम पर उससे एक लाख रुपये और एक लैपटॉप ले लिया. जब नौकरी नहीं लगी तो शक हुआ और वह उससे अपने पैसे की मांग करने लगा तो अनिल ने अपना मोबाइल ही बंद कर लिया. मामले को गंभीरता से लेते हुये फौरन पाटलिपुत्र थानेदार ने आरोपित के घर छापेमारी की.
इस दौरान वहां से फर्जी कागजात बरामद किये गये. ठग अनिल ने भरोसे में लेने के लिए विवेक को जूडिशियल मजिस्ट्रेट का मुहर लगा एक फर्जी पहचान पत्र दिया था. इसे देकर उसने विवेक से मुख्यमंत्री आवास में जाकर योगदान देने को कहा था. इसके बाद विवेक को पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है. पुलिस ने आरोपित अनिल का मोबाइल जब्त कर लिया है.
थानाप्रभारी ने कहा कि इस पहलू पर जांच की जायेगी कि वह किन-किन लोगों से बात करता था. पुलिस ठग के बैंक खातों को भी खंगालेगी. यह भी पता लगाया जा रहा है कि अब तक कितने लोगों के साथ इसने ठगी की है. जालसाज अनिल सिंह कभी रॉ तो कभी एनआईए का अधिकारी बन जाता था. युवकों को भरोसा दिलवाने के लिए वह सरकारी कार्यालयों और अधिकारियों के नाम का फर्जी मुहर इस्तेमाल करता था.