वर्ष 2016 में एक लाख बच्चे यौन अपराध के शिकार हुए: रिपोर्ट
By भाषा | Published: March 18, 2018 03:11 PM2018-03-18T15:11:27+5:302018-03-18T15:11:27+5:30
वर्ष2016 में देशभर में करीब एक लाख बच्चे यौन अपराध के शिकार हुए और उस वर्ष केवल229 बच्चों से संबंधित मामलों में निचली अदालतों ने फैसला सुनाया।
नई दिल्ली, 18 मार्च: उच्चतम न्यायालय को सूचित किया गया है कि वर्ष2016 में देशभर में करीब एक लाख बच्चे यौन अपराध के शिकार हुए और उस वर्ष केवल229 बच्चों से संबंधित मामलों में निचली अदालतों ने फैसला सुनाया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष ये आंकड़े हाल में पेश किए गए। न्यायमूर्ति मिश्रा ने देशभर के उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल से कहा कि वह यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण( पोक्सो) कानून के तहत दर्ज उन लंबित मामलों के आंकड़ों को एकत्र करें और उनकी तुलना करें जिनमें पीड़ित बच्चे हैं।
अधिनियम के मुताबिक ऐसे मामलों में निचली अदालत के संज्ञान में आरोप पत्र आने के बाद से एक वर्ष के भीतर फैसला आना चाहिए। आठ माह की मासूम के साथ बलात्कार के एक मामले में जनहित याचिका डालने वाले अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के साल2016 के आंकड़़ों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा था कि पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज कुल1,01,326 मामलों में से केवल229 पर ही उस वर्ष निचली अदालतों ने फैसला सुनाया।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस पर गौर किया और कहा कि वह इस तरह के लंबित मामलों को लेकर संपूर्णतावादी दृष्टिकोण अपनाएगी और समस्या से निबटने के लिए तरीके खोजेगी। शीर्ष अदालत ने देश भर के उच्चतम न्यायालयों से चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी।