मुजफ्फरपुर पर चुप्पी तोड़ नीतीश कुमार ने दिया ये बयान- ऐसी घटना घट गई कि हम शर्मसार हो गए हैं

By भारती द्विवेदी | Updated: August 3, 2018 13:24 IST2018-08-03T13:18:46+5:302018-08-03T13:24:52+5:30

कई दिनों से चल रहे इस मामले पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है।

Nitish kumar statement on Muzaffarpur Shelter Home case says he is ashamed of what has happened | मुजफ्फरपुर पर चुप्पी तोड़ नीतीश कुमार ने दिया ये बयान- ऐसी घटना घट गई कि हम शर्मसार हो गए हैं

नीतीश कुमार

नई दिल्ली, 3 अगस्त: मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी को लेकर विपक्ष लगातार बवाल कर रहा है। हर किसी के मन में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी बड़ी घटना पर नीतीश कुमार चुप्प क्यों हैं। फाइनली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। नीतीश कुमार ने इस मामले पर बात करते हुए कहा है- 'मुजफ्फरपुर में ऐसी घटना घट गई कि हमें शर्मसार हो गए हैं। सीबीआई हाईकोर्ट की मॉनिटिरिंग में जांच कर रही है।'


उन्होंने आगे कहा कि- 'मैं हर किसी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी के प्रति कोई उदारता नहीं दिखाई जाएगी।इसे मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे सभी को गंभीर रूप से दंडित किया जाएगा।'


मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप की पूरी टाइमलाइन:

अप्रैल- मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्स) ने अप्रैल में बिहार सरकार के राज्य के शेल्टर होम से जुड़ी सोशल ऑडिट रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को सौंपी।

26 मई– टीस्स की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों से यौन शोषण का खुलासा। जिसके बाद समाज कल्याण विभाग ने मुजफ्फरपुर प्रशासन को रिपोर्ट भेजी।

28 मई– मुजफ्फरपुर के साहू रोड स्थित बालिका गृह के संचालक एनजीओ के खिलाफ एफआईआर की अनुमति।

30 मई- बालिका गृह की सभी 42 लड़कियों को पटना, मधुबनी और राज्य के बाकी शेल्टर होम में भेजा गया।

31- जिला बाल सुरक्षा इकाई के सहायक निदेशक देवेश कुमार शर्मा ने मुजफ्फरपुर महिला थाने में एनजीओ के संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया।

3 जून- एनजीओ संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत एनजीओ में काम करनेवाली आठ महिला आरोपी गिरफ्तार।

26 जून- मुजफ्फरपुर जिला बाल संरक्षण अधिकारी रवि रौशन लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार।

19 जुलाई- पटना मेडिकल कॉलेज (पीएमसीएच) ने लड़कियों की मेडिकल रिपोर्ट मुजफ्फरपुर पुलिस को सौंपी।रिपोर्ट में 21 लड़कियों के साथ बलात्कार की पुष्टि।

23 जुलाई- एनफोल्ड इंडिया हैदराबाद और एम्स के डॉक्टरों की टीम लड़कियों के इलाज के लिए पटना पहुंची।

23 जुलाई- बयान में लड़कियों ने एक लड़की की हत्याकर बालिका गृह में ही दफनाए जाना का खुलासा किया। बयान के बाद मुजफ्फरपुर बालिका गृह परिसर में खुदाई की गई। मिट्टी को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया।

26 जुलाई-  नीतीश कुमार ने राज्य के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव गृह और डीजीपी को ये आदेश दिया है कि ये केस सीबीआई को सौंपा जाया।

29 जुलाई- मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड में सीबीआई ने राज्य सरकार की सिफारिश के बाद एफआइआर दर्ज किया।

2 अगस्त- सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप मामले में स्वत: संज्ञान लिया। मोदी सरकार और नीतीश सरकार को नोटिस भेजा विस्तृत जवाब मांगा।

2 अगस्त-  मुजफ्फरपुर में बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण को लेकर विपक्षी पार्टियों ने बंद का आह्नान किया। वाम दल के बिहार बंद को मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का (राजद) और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की। 

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