कुत्ते के पिल्ले को जिंदा जलाया, मानवता शर्मसार, पिछले 15 दिनों में क्रूरतापूर्वक मारने की यह छठवीं घटना
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 5, 2021 02:16 PM2021-02-05T14:16:05+5:302021-02-05T14:19:02+5:30
महाराष्ट्र में नागपुर का मामलाः पुलिस ने भादंवि की धारा 289, 428 के साथ ही पशु अत्याचार प्रतिबंधक अधिनियम 1960 की धारा 11 (1) के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
नागपुर: शहर स्थित संभ्रांत नागरिकों की बस्ती के रूप में पहचान रखने वाले प्रतापनगर क्षेत्र में एक कुत्ते के पिल्ले को जिंदा जलाने की घटना प्रकाश में आई है.
मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना से स्थानीय नागरिकों की संवेदनशीलता पर सवाल उठाया जा रहा है. इस घटना के बाद से प्राणी प्रेमियों में आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने इसकी शिकायत प्रतापनगर पुलिस थाने में दर्ज कराई है.
सेव स्पीचलेस ऑर्गेनाइजेशन की संस्थापिका स्मिता मिरे गुरुवार को सुबह अपने कुत्ते को घुमाने के लिए लेकर गई थीं. इस दौरान उन्हें प्रतापनगर स्थित गणेश कॉलोनी में मैदान के पास कुछ जलते हुए दिखाई दिया. पास जाकर निरीक्षण करने पर उन्हें पता चला कि किसी ने डेढ़ से दो महीने के कुत्ते के पिल्ले को जला दिया था.
उन्होंने आसपास के लोगों से इस बाबत पूछताछ की तो यह घटना कब और कैसे हुई इस पर सभी ने अनभिज्ञता जताई. इसके बाद मिरे राणा प्रतापनगर पुलिस थाने पहुंचीं और मामले की शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में पुलिस ने भादंवि की धारा 289, 428 के साथ ही पशु अत्याचार प्रतिबंधक अधिनियम 1960 की धारा 11 (1) के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
15 दिनों में छठवीं घटनाः पिछले 15 दिनों में कुत्तों को क्रूरतापूर्वक मारने की यह छठवीं घटना है. इसके पूर्व अज्ञात लोगों ने एक कुत्ते को जहर देकर मार दिया और उसके शव को गणेश कॉलोनी में ही लाकर फेंक दिया था. वहीं इंदोरा में एक पिल्ले की पीठ पर पेवर ब्लॉक से वार कर उसे मार दिया गया.
इसके पूर्व गणेश कॉलोनी में ही आसपास के कुछ लोगों ने कुत्ते के पिल्लों को बोरी में भरकर फेंक दिया था. स्मिता मिरे ने संभावना जताई है कि संबंधित पिल्ला प्रतापनगर का नहीं था और उसे बाहर से लाकर जिंदा जलाया गया है.
उन्होंने कहा कि मनपा द्वारा नजरअंदाज किए जाने के बावजूद हमने इस क्षेत्र के 40 से अधिक कुत्तों की नसबंदी कराई है. कुत्तों को इस प्रकार अमानवीय तरीके से मारने की घटनाओं में बढ़ोतरी हो गई है. प्रशासन इस ओर अनदेखी कर रहा है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि लोग यह क्यों नहीं स्वीकार करते हैं कि कुत्ते भी समाज का ही एक अभिन्न हिस्सा हैं.