मुजफ्फरपुर केस: हाईकोर्ट ने लगाई CBI को कड़ी फटकार, SP जेपी मिश्रा के ट्रांसफर को लेकर नए सिरे से दिए जांच के आदेश

By एस पी सिन्हा | Published: August 29, 2018 06:13 PM2018-08-29T18:13:45+5:302018-08-29T18:19:05+5:30

पटना हाईकोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर आज सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मामले की जांच करने वाले एसपी जे पी मिश्रा को ट्रांसफर करने के कारण का सही जवाब नहीं देने पर आज सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई।

Muzaffarpur Shelter Home Scandal: Patna HC rebuke CBI for transfer SP JP Mishra,ordered again inquiry | मुजफ्फरपुर केस: हाईकोर्ट ने लगाई CBI को कड़ी फटकार, SP जेपी मिश्रा के ट्रांसफर को लेकर नए सिरे से दिए जांच के आदेश

मुजफ्फरपुर केस: हाईकोर्ट ने लगाई CBI को कड़ी फटकार, SP जेपी मिश्रा के ट्रांसफर को लेकर नए सिरे से दिए जांच के आदेश

पटना,29 अगस्त: पटना हाईकोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर आज सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मामले की जांच करने वाले एसपी जे पी मिश्रा को ट्रांसफर करने के कारण का सही जवाब नहीं देने पर आज सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह ने नये सिरे से जांच टीम गठित करने पर विचार करने का निर्देश सीबीआई को दिया है। इस दौरान कोर्ट ने सीबीआई के कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर किया। 

सुनवाई के दौरा मुख्य न्यायाधीश ने सीबीआई को आदेश दिया कि मुजफ्फरपुर मामले में फ्रेस एसआईटी गठित करें और स्पेशल डायरेक्टर उसकी निगरानी करें। वहीं, कोर्ट ने राज्य सरकार को बालिका गृहकांड के बारे में पूरा ब्यौरा कोर्ट में पेश करने को कहा। कोर्ट ने जांच में तेजी लाने के लिए सीबीआइ को अपनी देख रेख में एक एसआईटी गठित करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने अब तक की जांच में असंतुष्टि जाहिर की है। मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की वकील प्राकृतिका को पीडित लडकियों से बात कर कोर्ट को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 17 सितम्बर को होगी।

इससे पहले मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने बिहार स्टेट लीगल सर्विस ऑथिरिटी को तीन हफ्ते के भीतर मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की पीडिताओं को मुआवाजे की राशि का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। मंगलवार को सुनवाई को दौरान महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि जे पी मिश्रा के तबादले के कारण बिहार सरकार की बदनामी हो रही है। जबकि इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है। कोर्ट ने राज्य सरकार को सभी पीडिताओं का बैंक खाता पहचान छुपा कर खुलवाने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह और न्यायाधीश रवि रंजन की खंडपीठ मुजप्फरपुर बालिका गृह कांड से जुडे मामले की सुनवाई कर रही है। हाइकोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि सरकार बताये की राज्य कितने आश्रय गृह चलाए जा रहे हैं। कोर्ट ने सरकार से ये भी पूछा कि कितने सरकार चला रही है और कितने एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे है। इसका पूरा ब्यौरा अगली सुनवाई में पेश करें। 

मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए एक महिला अधिवक्ता को पीडित लडकियों से मिलकर बात कर कोर्ट को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया। पीडित पक्ष की ओर से अधिवक्ता समा सिन्हा और अधिवक्ता सुरेंद्र द्विवेदी ने बहस किया। अधिवक्ता सुरेंद्र ने कहा कि कोर्ट सीबीआई के कार्यप्रणाली से नाराज दिखा। एसपी के तबादले को लेकर भी सीबीआई की ओर से जवाब नहीं दिया जा सका। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि सीबीआई, इस कांड की जांच से जुडे एसपी जे पी मिश्रा के तबादले का कारण क्यों नहीं बता रही है?। डीआईजी से पूछा गया कि आखिर किसने कहने पर तबादले का निर्णय लिया गया?

Web Title: Muzaffarpur Shelter Home Scandal: Patna HC rebuke CBI for transfer SP JP Mishra,ordered again inquiry

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