मुंबई: अस्पताल ने गलत परिवार को सौंपा शव, दो कर्मी निलंबित

By भाषा | Published: September 14, 2020 02:16 PM2020-09-14T14:16:16+5:302020-09-14T14:16:16+5:30

बीएमसी ने बताया कि सर्वाडे को 28 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और एक ऑपरेशन के बाद से उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। रविवार सुबह उसकी मौत हो गई।

Mumbai: hospital handed over the dead body to the wrong family, two personnel suspended | मुंबई: अस्पताल ने गलत परिवार को सौंपा शव, दो कर्मी निलंबित

मुंबई: अस्पताल ने गलत परिवार को सौंपा शव, दो कर्मी निलंबित

Highlightsमुंबई के नगर निकाय के एक अस्पताल ने 28 वर्षीय युवक का शव गलत परिवार को सौंप दियामृतक के परिवार के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम के दौरान उसका गुर्दा निकाल लिया गया है।

मुंबई: मुंबई के नगर निकाय के एक अस्पताल ने 28 वर्षीय युवक का शव गलत परिवार को सौंप दिया, जिसके बाद मृतक के रिश्तेदारों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। मृतक के परिवार के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम के दौरान उसका गुर्दा निकाल लिया गया है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने सोमवार को बताया कि यह गलती लोकमान्य तिलक महानगरपालिका सर्वसाधरण रूग्णालय में रविवार को हुई। इसके बाद अस्पताल के मुर्दाघर के कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

बीएमसी ने पोस्टमार्टम के दौरान गुर्दा निकालने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "दोषी पाए जाने वाले कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" अस्पताल ने सड़क हादसे में जख्मी होने के बाद इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले अंकुश सर्वाडे (28) के शव को हेमंत दिगम्बर के परिवार को सौंप दिया। दिगम्बर ने खुदकुशी की थी। इस अस्पताल को सायन अस्पताल के नाम से भी जाना जाता है। गलती सामने आने के बाद सर्वाडे के परिवार ने अस्पताल में प्रदर्शन किया।

बीएमसी ने बताया कि सर्वाडे को 28 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और एक ऑपरेशन के बाद से उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। रविवार सुबह उसकी मौत हो गई। उसने बताया कि दिगम्बर को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। बीएमसी ने दोनो शवों का पोस्टमार्टम रविवार को किया था और दोनों के शव अस्पताल के मुर्दाघर में रखे हुए थे। सर्वाडे के परिवार को शव लेने के लिए करीब चार बजे बुलाया गया।

इस बीच, दिगंबर के परिवार ने सर्वाडे के शव की पहचान दिगंबर के तौर पर की और सभी प्रक्रिया को पूरी करने के बाद "पुलिस हस्ताक्षर" से शव को ले गए। विज्ञप्ति में बताया गया है कि गलती का पता तब चला जब सर्वाडे के परिवार के सदस्य उसका शव लेने आए। उस वक्त तक दिगंबर के परिजनों ने सर्वाडे का अंतिम संस्कार कर दिया था। बीएमसी ने बताया कि बाद में, सर्वाडे के परिवार के सदस्यों ने अस्पताल में हंगामा किया, लेकिन पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया । 

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