Bhima-Koregaon case: आनंद तेलतुंबडे की जमानत याचिका खारिज, 8 मई तक न्यायिक हिरासत में
By भाषा | Published: April 25, 2020 06:43 PM2020-04-25T18:43:48+5:302020-04-25T18:43:48+5:30
महाराष्ट्र में NIA कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव मामले के एक आरोपी एक्टिविस्ट आनंद तेलतुंबडे की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी और उसे 8 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
मुंबईःयहां की एक विशेष अदालत ने एल्गार परिषद-माओवादियों के बीच जुड़ाव के मामले में कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बडे को शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया और अस्थायी जमानत के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दलित विद्वान तेलतुम्बडे को 14 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। तेलतुम्बडे ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद एजेंसी के सामने समर्पण किया था। तेलतुम्बडे को एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश ए टी वानखेडे के सामने पेश किया गया जहां से उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अपनी जमानत याचिका में तेलतुम्बडे ने कहा कि वह श्वसन संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं और जेल में उनके संक्रमित होने का खतरा है। माओवादियों से कथित जुड़ाव और भाजपा नीत सरकार को हटाने की साजिश रचने के आरोपों पर तेलतुम्बडे, नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा और नौ अन्य पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
पुलिस के मुताबिक कार्यकर्ताओं ने 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण दिए, जिसके कारण अगले दिन हिंसा हुई। पुलिस ने यह भी कहा है कि ये सभी कार्यकर्ता प्रतिबंधित माओवादी समूहों के सक्रिय सदस्य थे। बाद में जांच एनआईए के हवाले कर दी गयी थी।