गैंगरेप पीड़िता के पिता ने कहा- सरकारी मुआवजा नहीं चाहिये, मुजरिमों को फांसी दो
By भाषा | Published: July 1, 2018 03:28 PM2018-07-01T15:28:59+5:302018-07-01T15:28:59+5:30
सामूहिक बलात्कार पीड़ित इस स्कूली छात्रा के पिता मंदसौर में फूल बेचते हैं। उनकी बेटी मंदसौर से करीब 200 किलोमीटर दूर इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में 27 जून की रात से भर्ती है।
इंदौर, 01 जुलाई: मध्यप्रदेश के मंदसौर में सामूहिक बलात्कार और वहशत की शिकार सात वर्षीय बच्ची के पिता ने इस वारदात पर आज आक्रोश जताते हुए कहा कि उन्हें सरकारी मुआवजा नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका परिवार बस इतना चाहता है कि उनकी बेटी के साथ बर्बर दुष्कर्म करने वाले दोनों मुजरिमों को जल्द से जल्द मौत की सजा दिलाई जाए।
सामूहिक बलात्कार पीड़ित इस स्कूली छात्रा के पिता मंदसौर में फूल बेचते हैं। उनकी बेटी मंदसौर से करीब 200 किलोमीटर दूर इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में 27 जून की रात से भर्ती है।
पीड़ित बच्ची के पिता ने एमवायएच में संवाददाताओं से कहा, "मेरे परिवार को सरकार से कोई मुआवजा नहीं चाहिये। हम यही चाहते हैं कि हमारी बेटी से ज्यादती के मामले में यथाशीघ्र कानूनी प्रक्रिया पूरी हो और मुजरिमों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिलायी जाये।" प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "पैसे की कोई बात है ही नहीं। हमें बस इंसाफ चाहिये।"
सामूहिक बलात्कार पीड़ित बच्ची के पिता ने यह भी कहा कि वह अपनी संतान के एमवायएच में जारी इलाज से संतुष्ट हैं। उन्होंने अपने बेटी को बेहतर इलाज के लिये किसी अन्य अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत से इंकार करते हुए कहा, "एमवायएच में मेरी बेटी के इलाज के लिये बाहर से भी डॉक्टर आ रहे हैं। मेरी बेटी का अच्छा इलाज यहीं (एमवायएच में) हो जायेगा। उम्मीद है कि दो-चार दिन में उसकी हालत और सुधरेगी।"
इस बीच, मंदसौर के जिलाधिकारी ओपी ने बताया कि सामूहिक बलात्कार पीड़ित बच्ची के पिता के बैंक खाते में कल शनिवार को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना के मद में पांच लाख रुपये की राशि जमा करायी गयी है, ताकि पीड़ित परिवार को तुरंत आर्थिक मदद दी जा सके। उनके बैंक खाते में कल सोमवार को इसी मद में पांच लाख रुपये और जमा कराये जायेंगे।
श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद किसी वरिष्ठ मनोचिकित्सक से बच्ची की काउंसलिंग भी करायी जायेगी, ताकि वह दुष्कर्म के सदमे से जल्द से जल्द उबरकर सामान्य जीवन जी सके।
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