मध्‍य प्रदेश हनी ट्रैप मामले में नया खुलासा, सेक्स वीडियो से निशाने पर थे 13 IAS, पढ़ें देश को हिला देने वाले इस कांड की पूरी कहानी

By पल्लवी कुमारी | Updated: September 26, 2019 09:54 IST2019-09-26T09:54:29+5:302019-09-26T09:54:29+5:30

Madhya Pradesh honeytrap ring मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप मामला: इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर 2019 को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था। गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था।

Madhya Pradesh honey trap ring target list of senior IAS officers for blackmailing, know about case | मध्‍य प्रदेश हनी ट्रैप मामले में नया खुलासा, सेक्स वीडियो से निशाने पर थे 13 IAS, पढ़ें देश को हिला देने वाले इस कांड की पूरी कहानी

मध्‍य प्रदेश हनी ट्रैप मामले में नया खुलासा, सेक्स वीडियो से निशाने पर थे 13 IAS, पढ़ें देश को हिला देने वाले इस कांड की पूरी कहानी

Highlightsइस मामले में अब तक चार हजार से अधिक फाइल जांच एजेंसियां तैयार कर चुकी हैं। इस गिरोह के शिकार चार राज्‍यों के शीर्ष नेता, आईएएस अधिकारी, इंजिनियर और कई बड़े बिजनेसमैन हुए हैं। मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप मामले में शहरी निकाय के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह को निलंबित कर दिया गया है।

मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप मामले में बनाये गये विशेष जांच दल (एसआटी) के प्रमुख ने बुधवार (25 सितंबर) रात कहा कि इस हाई-प्रोफाइल मामले की तहकीकात के नतीजे बड़े हो सकते हैं। उन्होंने यह भरोसा भी दिलाया कि मामले में जिन लोगों की आपराधिक भूमिका पायी जायेगी, उन सबके नाम सामने आयेंगे। इसी बीच ये भी बात सामने आई है कि इस गिरोह के सदस्‍यों के पास से जांच कर रही है एसआईटी की टीम 13 आईएएस ( IAS) अधिकारियों की एक 'टारगेट लिस्‍ट' मिली है। जिन्‍हें गिरोह की लड़िकयों ने अपने जाल में फंसा लिया था और अब उनके सेक्‍स वीडियो को बनाकर ब्‍लैकमेलिंग की तैयारी थी। हालांकि  13 आईएएस अधिकारियों के नाम सामने नहीं आए हैं। 19 सितंबर 2019 को हनी ट्रैप मामले में गिरोह के पांच महिला सहित छह लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। 

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक मामले की जांच कर रही एसआईटी के हाथ एक ऐसी लिस्‍ट लगी है, जिसमें कम से कम 13 आईएएस अधिकारियों के नाम हैं। जिनको ब्लैकमेलिंग करने की प्लानिंग की जा रही थी। गिरोह की लड़कियों ने इनका सेक्स वीडियो चोरी से बनाया था। कहा जा रहा है कि जो 13  आईएएस अधिकारी हिट लिस्ट पर थे, वो देश के अलग-अगल हिस्सों से हैं। वो  अलग- अलग समय पर मत्‍स्‍य पालन,  संस्‍कृति, उद्योग, शहरी प्रशासन, श्रम, वन, जल संसाधन, जन संपर्क और प्रशासनिक विभागों में काम कर चुके हैं। जो लिस्ट मिली है उसमें आईएएस अधिकारियों के नाम लिस्‍ट में कोड वर्ड में लिखे गये हैं। एसआईटी उस कोड वर्ड को पहचाने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा कोड वर्ड में और भी कई बातें लिखी मिली है। 

इस मामले में अब तक चार हजार से अधिक फाइल जांच एजेंसियां तैयार कर चुकी हैं। इस गिरोह के शिकार चार राज्‍यों के शीर्ष नेता, आईएएस अधिकारी, इंजिनियर और कई बड़े बिजनेसमैन हुए हैं। इन सेक्‍स वीडियो और अश्‍लील चैट, ब्‍लैकमेलिंग के सबूत गिरोह के सदस्‍यों के लैपटॉप और मोबाइल से बरामद किए गए हैं।

मध्यप्रदेश में हनी ट्रैप मामले पर क्या कहते हैं एसआईटी के प्रमुख

एसआईटी के प्रमुख संजीव शमी ने दी जानकरी में बताया है, "यह एक बेहद गंभीर मामला है और जांच के परिणाम बड़े हो सकते हैं। इसलिये मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जोड़कर एसआईटी बनायी गयी है।" शमी, प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (काउंटर इंटेलिजेंस) हैं। उन्होंने कहा, "इस अपराध (हनी ट्रैप मामला) में जिन लोगों की भूमिका पायी जायेगी, उन सबके नाम बिल्कुल सामने आयेंगे।" 

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जांच में मिले सुराग इस संदेह को मजबूत कर रहे हैं कि गिरोह ने नेताओं और नौकरशाहों समेत कई रसूखदार लोगों को जाल में फंसाया था और मामले के तार मध्यप्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। गिरोह के गिरफ्तार सदस्यों के पास से बरामद उपकरणों में आपत्तिजनक ऑडियो-विजुअल सामग्री बड़ी संख्या में मिली है।

कैसे हुआ मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप मामले का खुलासा 

इस गिरोह के जाल में फंसने वाले लोगों में अब तक इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह का ही नाम आधिकारिक तौर पर सामने आया है। सिंह की ही शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था। गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले में  नगर निगम प्रशासन ने इस शहरी निकाय के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह को वर्ष 1965 के मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत निलंबित किया। निलंबन आदेश में कहा गया कि "अनैतिक कृत्य (हनी ट्रैप मामले) में सिंह की कथित संलिप्तता पहली नजर में अशोभनीय होने के साथ नैतिक पतन की परिचायक है। इस कारण उनकी पेशेवर कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है।" 

गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। नगर निगम अफसर ने पुलिस को बताया कि गिरोह ने उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की थी। ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार किये गये थे। इस बीच, पुलिस को जांच में कुछ नये सुराग मिलने के बाद इस मामले के तार कई स्थानों से जुड़ गये हैं। 

गिरोह के छह गिरफ्तार आरोपियों में शामिल आरती दयाल (29) और मोनिका यादव (18) की पुलिस हिरासत अवधि एक स्थानीय अदालत ने कल रविवार को 28 सितंबर तक के लिये बढ़ा दी थी। शेष चार आरोपी न्यायिक हिरासत के तहत स्थानीय जेल में बंद हैं।

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