Kolkata Rape-Murder Case: सीबीआई के रिमांड नोट में "सामूहिक बलात्कार" का जिक्र नहीं, एक से ज्यादा लोगों की संलिप्तता का भी उल्लेख नहीं

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: August 24, 2024 15:18 IST2024-08-24T15:16:50+5:302024-08-24T15:18:10+5:30

Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले में गिरफ्तार होने वाले एकमात्र संदिग्ध संजय रॉय की न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए एक ट्रायल कोर्ट में सीबीआई के रिमांड नोट में "सामूहिक बलात्कार" का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।

Kolkata Rape-Murder Case There is no mention of "gang rape" in CBI's remand note | Kolkata Rape-Murder Case: सीबीआई के रिमांड नोट में "सामूहिक बलात्कार" का जिक्र नहीं, एक से ज्यादा लोगों की संलिप्तता का भी उल्लेख नहीं

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Highlightsसीबीआई के रिमांड नोट में "सामूहिक बलात्कार" का जिक्र नहींएक से ज्यादा लोगों की संलिप्तता का भी उल्लेख नहींजांच की प्रगति के आधार पर एजेंसी दंडात्मक धाराएं जोड़ या हटा सकती है

Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले में गिरफ्तार होने वाले एकमात्र संदिग्ध संजय रॉय की न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए एक ट्रायल कोर्ट में सीबीआई के रिमांड नोट में "सामूहिक बलात्कार" का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। सीबीआई के रिमांड नोट में इस बात का जिक्र भी नहीं है कि इस जघन्य कांड में एक से अधिक की संभावित संलिप्तता हो सकती है।

9 अगस्त को हुई घटना में अब तक एक ही व्यक्ति संजय रॉय आरोपी है। हालांकि दूसरी तरफ पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही डॉक्टर पीड़िता के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि हत्या से पहले उनकी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और इस अपराध के लिए कई लोग जिम्मेदार हो सकते हैं।

पीड़िता के माता-पिता ने कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर के "अदालत की निगरानी में जांच" की मांग की थी और इसमें संदेह जताया था कि एक से अधिक लोगों ने उनकी बेटी के साथ रेप के बाद हत्या की थी।

ट्रायल कोर्ट ने कोलकाता ट्रैफिक पुलिस के स्वयंसेवक संजय रॉय को 6 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसके बाद उसे प्रेसीडेंसी जेल ले जाया गया, जहां वह 24x7 मैनुअल और सीसीटीवी निगरानी के तहत एकांत कारावास में रहेगा।

मामले में ट्रायल कोर्ट को सौंपी गई सीबीआई की एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (बलात्कार के लिए 10 साल से लेकर आजीवन कारावास) और 103(1) (हत्या के लिए आजीवन कारावास या मौत) का जिक्र किया गया है। जांच की प्रगति के आधार पर एजेंसी दंडात्मक धाराएं जोड़ या हटा सकती है।

विशेष अदालत ने कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार एवं हत्या के मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय के ‘पॉलीग्राफी टेस्ट’ की भी अनुमति दे दी। सीसीटीवी फुटेज और चिकित्सक के शव के पास एक ‘ब्लूटूथ डिवाइस’ मिलने के बाद संजय रॉय की गिरफ्तारी हुई थी। रॉय को कॉलेज के सेमिनार हॉल में प्रवेश करते हुए देखा गया था और वहीं पर चिकित्सक का शव मिला था। रॉय (33) वर्ष 2019 में एक नागरिक स्वयंसेवक के रूप में कोलकाता पुलिस में शामिल हुआ था। पुलिस ने आरोप लगाया है कि रॉय ने कम से कम चार शादियां की थीं।

Web Title: Kolkata Rape-Murder Case There is no mention of "gang rape" in CBI's remand note

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