कठुआ गैंगरेप: कश्मीर अपराध शाखा का नया खुलासा, नशीली दवा के प्रभाव से नाबालिग नहीं कर पाई थी दुष्कर्म, हत्या का विरोध
By स्वाति सिंह | Updated: July 30, 2018 22:06 IST2018-07-30T22:04:40+5:302018-07-30T22:06:12+5:30
आरोप पत्र में कहा गया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि ‘‘बंधक बनाकर रखे जाने के दौरान पीड़ित को आरोपियों द्वारा शामक पदार्थ दिया गया।

कठुआ गैंगरेप: कश्मीर अपराध शाखा का नया खुलासा, नशीली दवा के प्रभाव से नाबालिग नहीं कर पाई थी दुष्कर्म, हत्या का विरोध
पठानकोट, 30 जुलाई: कठुआ में अल्पसंख्यक खानाबदोश समुदाय की आठ वर्षीय लड़की से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार को पठानकोट की एक अदालत में पूरक आरोपपत्र दायर किया। इसमें कहा गया है कि उसे शामक दवाओं (सेडेटिव) की अत्याधिक मात्रा दी गई थी जिससे वह दुष्कर्म और हत्या का विरोध नहीं कर पाई। पठानकोट सत्र अदालत में दायर आरोप-पत्र में जम्मू-कश्मीर अपराध शाखा के दल की जांच के साथ ही आठों आरोपियों के फोन कॉल विवरण और बैंक खातों के विश्लेषण का भी विवरण है। जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा के वरिष्ठ अधीक्षक आर के जाला ने विशेष लोक अभियोजक जे के चोपड़ा और अन्य वकीलों के साथ जिला एवं सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया।
विशेष लोक अभियोजक चोपड़ा ने प्रेट्र को बताया, 'हमनें पूरक आरोप-पत्र दायर किया है जिसमें कॉल विश्लेषण, बैंक का विवरण और मेडिकल रिपोर्ट की जानकारी है।' आरोपपत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि कैसे अल्पसंख्यक खानाबदोश समुदाय की आठ वर्षीय बच्ची को जबरन गांजा समेत अन्य शामक पदार्थ दिये गए। अधिकारियों ने कहा कि बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण किया गया था और उसे तीन दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया। 14 जनवरी को उसकी हत्या कर दी गई थी और उसका शव 17 जनवरी को कठुआ के पास जंगल से बरामद किया गया था।
आरोप पत्र में कहा गया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि ‘‘बंधक बनाकर रखे जाने के दौरान पीड़ित को आरोपियों द्वारा शामक पदार्थ दिया गया।' इसमें कहा गया कि उसे गांजे के साथ ही खाली पेट एपिट्रिल 0.5 एमजी की गोली भी दी गई। आरोप पत्र के साथ दायर की गई चिकित्सा विशेषज्ञ की रिपोर्ट में कहा गया कि उसे जबरन क्लोनाजेपम 0.5 एमजी की पांच गोलियां 11 जनवरी 2018 को जबरन दी गई जो सुरक्षित तय मात्रा से कहीं ज्यादा है। इसके बाद उसे और गोलियां दी गईं..। अत्याधिक सेवन के लक्षणों और संकेतो में चक्कर आना, भ्रम, तालमेल न होना, धीमी प्रतिक्रिया, सांस का धीमे होना या रूक जाना, कोमा और मृत्यु है।
अपराध शाखा ने मुख्य आरोपी सांझी राम, उसके पुत्र विशाल, उसके किशोर भतीजे, दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजूरिया उर्फ ‘दीपू’ और सुरेंद्र वर्मा तथा उसके मित्र परवेश कुमार उर्फ मन्नू को इस मामले में गिरफ्तार किया है। इन सबका नौ अप्रैल को दायर पहले आरोपपत्र में नाम शामिल था। अपराध शाखा ने कांस्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया है। इन्होंने कथित तौर पर सांझी राम से चार लाख रुपये लिये थे और अहम साक्ष्यों को नष्ट कर दिया था। राज और दत्ता को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
आरोपपत्र में कुमार के कॉल विश्लेषण का ब्योरा भी दिया गया है ताकि यह दर्शाया जा सके कि अपराध और उसके तत्काल बाद की महत्वपूर्ण तारीखों पर वह अन्य आरोपियों के साथ मौजूद था।इसमें कहा गया है, ‘‘कॉल की अवधि और आठ वर्षीय बच्ची से बलात्कार तथा उसकी हत्या के बाद उसकी आवृत्ति का बढ़ना आरोपी सुरिंदर कुमार की अन्य आरोपियों के साथ गहरी संलिप्तता के निष्कर्ष की ओर ले जाता है।' अपराध शाखा ने सांझी राम के दो बैंक खातों का भी विश्लेषण किया और पाया गया कि उन खातों से काफी नकदी निकाली गई। सांझी राम मंदिर का संरक्षक था। इसी मंदिर में बच्ची को कथित तौर पर कैद करके रखा गया था।
(भाषा इनपुट के साथ)
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