कठुआ रेप और मर्डर केस का ट्रायल पूरा, 10 जून को सुबह 10 बजे सुनाया जाएगा फैसला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 3, 2019 07:24 PM2019-06-03T19:24:38+5:302019-06-03T19:24:38+5:30
10 जनवरी को साजिश के तहत आठ साल की मासूम बच्ची को घोड़ा ढूंढने में मदद की बात कही। उसे जंगल की तरफ ले गया। बाद में बच्ची भागने की कोशिश की लेकिन आरोपियों ने उसे धर दबोचा। इसके बाद उसे नशीली दवाएं देकर उसे एक मंदिर ले गए जहां रेप किया।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची के रेप और मर्डर केस की पंजाब के पठानकोट की अदालत में चल रही सुनवाई पूरी हो गई है। केस के फैसले को सुरक्षित रख लिया गया है। जिसे 10 जून को सुबह 10 बजे सुनाया जाएगा। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी है।
कठुआ में वकीलों द्वारा अपराध शाखा के अधिकारियों को आरोप पत्र दाखिल करने से रोकने के बाद उच्चतम न्यायालय के आदेश पर इस मामले को जम्मू-कश्मीर से बाहर भेज दिया गया था। बीते साल जून के पहले सप्ताह में पठानकोट की जिला एवं सत्र अदालत में रोजाना कैमरे की निगरानी में मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा के मामला संभालने के बाद जम्मू क्षेत्र में राजनीतिक उथल-पुथल देखी गई थी। अपराध शाखा ने एक किशोर और दो पुलिस अधिकारियों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन पर सबूत नष्ट करने का आरोप था।
मामला पीडीपी-भाजपा की तत्कालीन सरकार के लिये विवाद का विषय बन गया था। मामले में अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार लोगों के समर्थन में हिंदू एकता मंच की रैली में भाग लेने के लिए भाजपा को अपने दो मंत्रियों चौधरी लाल सिंह और चंदर प्रकाश गंगा को बर्खास्त करना पड़ा था।
कठुआ गैंगरेप केस की पूरी टाइम लाइन
- 10 जनवरी को साजिश के तहत नाबालिग ने मासूम बच्ची को घोड़ा ढूंढने में मदद की बात कही। वह उसे जंगल की तरफ ले गया। बाद में बच्ची भागने की कोशिश की लेकिन आरोपियों ने उसे धर दबोचा। इसके बाद उसे नशीली दवाएं देकर उसे एक देवी स्थान के ले गए, जहां रेप किया।
- 11 जनवरी को नाबालिग ने अपने दोस्त विशाल को कहा कि अगर वह मजे लूटना जाता है तो आ जाए। परिजनों ने बच्ची की तलाश शुरू की। देवीस्थान भी गए लेकिन वहां उन्हें संजी राम ने झांसा दे दिया। दोपहर में दीपक खजुरिया और नाबालिग ने मासूम को फिर नशीली दवाएं दीं।
- 12 जवनरी को मासूम को फिर नशीली दवाएं देकर रेप। पुलिस की जांच शुरू। दीपक खजुरिया खुद जांच टीम में शामिल था जो संजी राम के घर पहुंचा। राम ने उसे रिश्वत की पेशकश की। हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज ने कहा कि वह सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता को रिश्वत दे। तिलक राज ने 1.5 लाख रुपये रिश्वत दिए।
- 13 जनवरी को विशाल, संजी राम और नाबालिग ने देवी स्थान पर पूजा-अर्चना की। इसके बाद लड़की के साथ रेप किया और उसे फिर नशीली दवाएं दीं। इसके बाद बच्ची को मारने के लिए वे एक पुलिया पर ले गए। यहां पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया ने कहा कि वह कुछ देर और रुक जाएं क्योंकि वह पहले रेप करना चाहता है। इसके बाद उसका गला घोंटकर मार दिा गया।
- 15 जनवरी को आरोपियों ने मासूम के शरीर को जंगल में फेंक दिया।
- 17 जनवरी को जंगल से मासूम बच्ची का शव बरामद।
- शव का पता चलने के करीब हफ्ते भर बाद 23 जनवरी के सरकार ने यह मामला अपराध शाखा को सौंपा जिसने एसआईटी गठित की।
- 10 अप्रैल को इस मामले में एसआईटी ने अपनी 12 पेज की चार्जशीट दाखिल की। जिसमें कठुआ बार एसोसिएशन के वकीलों ने हंगामा किया।