पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड: सीबीआई को नहीं मिला कोई सबूत, तेज प्रताप यादव को सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट
By कोमल बड़ोदेकर | Published: March 22, 2018 04:12 PM2018-03-22T16:12:10+5:302018-03-22T17:28:15+5:30
13 मई, 2016 की शाम बिहार के सीवान में हिंदुस्तान समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
नई दिल्ली, 22 मार्च। पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीआई को पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में तेज प्रताप यादव के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है।
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमृर्ति डी.वाई चंद्रचूड़ की पीठ कर रही थी। सीबीआई ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली इस पीठ को बताया कि दो आरोपियों मोहम्मद कैफ और जावेद के खिलाफ जांच चल रही है, लेकिन तेज प्रताप के खिलाफ सूबत नहीं मिला है।
Supreme Court disposed off the petition filed by wife of slain journalist Rajdeo Ranjan, after CBI said that there is no involvement of Tej Pratap in Rajdeo Ranjan murder case. She had filed a petition alleging Lalu Yadav’s son Tej Pratap was involved in her husband's murder case
— ANI (@ANI) March 22, 2018
पत्रकार राजदेव की पत्नी आशा रंजन ने याचिका दायर कर बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी। हांलाकि कोर्ट ने याचिका खारिज कर कहा है कि अगर किसी भी समय तेज प्रताप के खिलाफ कोई सबूत मिलता है तो वे पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सकती हैं।
गौरतलब है कि 13 मई, 2016 की शाम सीवान में हिंदुस्तान समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ राजदेव रंजन अपने दफ्तर से मोटर साइकिल से घर लौट रहे थे लेकिन बदमाशों ने रास्ते में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सीबीआई ने सिवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन और कुख्यात लड्डन मियां सहित कुल 6 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया था।