जोधपुर में 11 पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों की मौत: दावा- रात को दिया गया जहर का इंजेक्शन, खाने में मिलाई गई थी नींद को गोली
By पल्लवी कुमारी | Published: August 10, 2020 07:45 AM2020-08-10T07:45:07+5:302020-08-10T08:16:30+5:30
राजस्थान के जोधपुर जिले में एक ही परिवार के 11 लोगों के मृत पाए जाने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। मृत पाए गए परिवार वाले पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले हैं और 2015 में भारत आए थे। पाकिस्तान से आए इस हिंदू शरणार्थी बुधाराम परिवार में कुल 12 लोग थे, जिसमें से अब एक ही जीवित है।
जोधपुर:राजस्थान के जोधपुर जिले में एक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य रविवार (9 अगस्त) सुबह एक खेत में मृत पाए गए। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले ये लोग दीर्घकालिक वीजा पर 2015 में भारत आए थे और तभी से देचु इलाके के लोडता गांव में रह रहे थे। यह इलाका जोधपुर शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर है। इस परिवार का एक सदस्य जिंदा मिला है। परिवार के जीवित बचे सदस्य की पहचान केवल राम (35) के रूप में हुई है।
पुलिस को मौके से एक नोट भी मिला है। जिसकी लिखावट का सत्यापन किया जा रहा है। इसी सुसाइड नोट को लेकर इंडिया टूडे में अपनी स्टोरी में दावा किया है कि बुधराम (जो कि मृत पाए गए परिवार वालों में सबसे उम्रदराज था और परिवार का मुखिया था।) की बेटी लक्ष्मी (38 वर्षीय) ने नर्सिंग का कोर्स किया हुआ था, सम्भवत उसी ने परिवार के 11 सदस्यों को जहर का इंजेक्शन देकर मार डाला। घटनास्थल पर अल्प्राजोलम की स्ट्रिप्स भी मिलीं।
रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि जांचकर्ताओं को संदेह है कि रात के खाने में सभी को नींद की गोलियां मिलाकर दी गई थी। जिसके बाद सभी को लक्ष्मी ने जहर का इंजेक्शन लगाया है। ऐसा शक इसलिए पैदा हो रहा है कि क्योंकि परिवार के सभी मृत पाए गए सदस्यों में से लक्ष्मी को छोड़कर तीन महिलाएं, दो पुरुष और पांच बच्चे के हाथों पर सिरिंज के निशान थे। वहीं लक्ष्मी के पैरों पर सिरिंज के निशान है।
पुलिस को घटनास्थल के पास से कीटनाशक का आधा इस्तेमाल हुआ कनस्तर और कुछ शीशियां मिली
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राहुल बरहाट ने कहा, उस परिवार के जिंदा बचे हुए सदस्य केवल राम ने कहा है कि उसे घटना की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि यह खुदकुशी है या कुछ और मामला है। एसपी ने कहा, हम अभी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि यह खुदकुशी थी, दुर्घटनावश हुई मौत या कुछ और। हमने शवों को चिकित्सा बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करेंगे।उन्होंने कहा कि कीटनाशक का आधा इस्तेमाल हुआ कनस्तर और कुछ शीशियां झोपड़ी से बरामद हुई हैं।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, किसी के भी शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं हैं और न ही किसी तरह की साजिश के सबूत हैं लेकिन हमने फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल का मुआयना किया है। प्रारंभिक सूचना से पता चला है कि किसी मुद्दे को लेकर परिवार में विवाद था। उन्होंने कहा, जीवित बचे व्यक्ति से पूछताछ करने के बाद ही हम इस घटना के बारे में कुछ कहने की स्थिति में होंगे।
मृतकों की पहचान बुधराम (75), उनकी पत्नी अंतरा देवी, बेटे रवि (31), बेटी जिया (25) और सुमन (22), पौत्रों मुकदस (17) और नैन (12) के अलावा लक्ष्मी (38) और केवल राम के तीन नाबालिग बेटों के तौर पर हुई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए जोधपुर भेजा गया है और मौत की वजह जानने के लिए चिकित्सा बोर्ड का गठन किया गया है।
परिवार के जीवित बचे सदस्य ने किया ये दावा
इस बीच परिवार के जीवित बचे सदस्य केवल राम (35) ने अपनी पत्नी के परिवार वालों के खिलाफ शिकायत देते हुए आरोप लगाया कि यह खुदकुशी का नहीं हत्या का मामला है। इसकी पुष्टि करते हुए एसपी ने कहा कि विवाद की वजह से बीते कुछ समय से उसकी पत्नी परिवार के साथ नहीं रह रही थी। उन्होंने कहा कि केवल राम की पत्नी कथित तौर पर बच्चों को अपने साथ रखने के लिए उस पर दबाव डाल रही थी।
अधिकारी ने कहा कि इस मामले में खुद बच जाने और बयान बदलने की वजह से केवल राम भी संदिग्ध है। केवल राम के मुताबिक उन्होंने शनिवार (9 अगस्त) रात नौ से 10 बजे के बीच खाना खाया और सोने चले गए। उसने बताया, ''मैं जानवरों से फसल की रखवाली के लिए चला गया और वहीं सो गया था। सुबह जब वह लौटा तो परिवार के सभी सदस्यों को मृत पाया।''
घटना को लेकर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए केवल राम ने कहा, ''मैंने फिर अपने रिश्तेदार को फोन किया जो कुछ अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचा और पुलिस को सूचना दी।''