Jharkhand Ki Taja Khabar: बीजेपी MLA ढुल्लू महतो ने धनबाद कोर्ट में किया सरेंडर, भेजे गये जेल, यौन शोषण समेत कई मामलों में चल रहे थे फरार
By एस पी सिन्हा | Updated: May 11, 2020 13:49 IST2020-05-11T13:49:30+5:302020-05-11T13:49:30+5:30
प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यायिक दंडाधिकारी सुश्री संगीता के कोर्ट में आज सुबह 8 बजे ढुलू महतो ने रियल ईस्टेट कारोबारी इरशाद से रंगदारी मांगने एवं उनके वाहन रख लेने के मामले में सरेंडर किया.

भाजपा विधायक ढुलू महतो धनबाद जिले के बाघमारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. (फाइल फोटो)
रांची:झारखंड के धनबाद जिले के बाघमारा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक ढुलू महतो ने आज सुबह धनबाद कोर्ट में सरेंडर कर दिया. ढुल्लू महतो नाटकीय घटनाक्रम के बीच न्यायिक दंडाधिकारी सुश्री संगीता की अदालत में सरेंडर किया. अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. उनके खिलाफ भाजपा की जिला मंत्री रह चुकी एक नेता ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. ढुलू महतो पर यौन शोषण का आरोप है और करीब तीन महीने से फरार चल रहे थे.
प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यायिक दंडाधिकारी सुश्री संगीता के कोर्ट में आज सुबह 8 बजे ढुलू महतो ने रियल ईस्टेट कारोबारी इरशाद से रंगदारी मांगने एवं उनके वाहन रख लेने के मामले में सरेंडर किया. मुजफ्फरपुर के व्यवसायी इरशाद आलम ने रंगदारी मांगने और उसका हाईवा छीन लेने के मामले में विधायक ढुल्लू महतो उनके सहयोगी कपिल राणा के पर मुकदमा दायर किया था.
बरोरा थाना कांड संख्या 20/20 मामले में आज सुबह विधायक ढुल्लू महतो अपने अधिवक्ता एसएन मुखर्जी उर्फ माती दा के साथ प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी संगीता के आवासीय कार्यालय में सरेंडर किया. न्यायिक दंडाधिकारी के आवासीय कार्यालय से विधायक अपने निजी वाहन पर ही सवार होकर धनबाद जेल पहुंचे. इसके बाद उनका वाहन सीधे जेल गेट के अंदर प्रवेश कर गया.
न्यायिक दंडाधिकारी के आवासीय कार्यालय में आत्मसर्पण के बाद विधायक ढुलू महतो की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई. जमानत अर्जी पर बहस करते हुए वरीय अधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने कहा कि सूचक इरशाद के विरुद्ध विधायक ने पहले मुकदमा दायर कर दिया है, उसी मुकदमा को वापस लेने का दबाव बनाने के लिए विधायक के ऊपर चार वर्ष बाद पुराने मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
वहीं, जमानत अर्जी का सहायक लोक अभियोजक सोनी कुमारी ने जमकर विरोध किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने विधायक ढुल्लू की जमानत अर्जी खारिज कर उसे जेल भेज दिया. यहां बता दें कि लॉकडाउन के कारण अभी न्यायिक पदाधिकारी कोर्ट नहीं आ रहे हैं और अपने आवासीय कार्यालय से ही कोर्ट की कार्यवाही का संपादन कर रहे हैं. लिहाजा ढुल्लू ने उनके आवासीय कार्यालय पर सरेंडर किया. पुलिस को भनक तक नहीं लगी. जबकि पुलिस ढुलू को पकडने के लिए करीब तीन महीने से उनके पीछे पडी थी.
उनके चिटाही स्थित आवास से लेकर रांची फ्लैट पर भी कई बार छापा मारा गया था. मुजफ्फरपुर के सोनबरसा निवासी इरशाद आलम की शिकायत पर विधायक ढुल्लू समेत पांच नामजद के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि श्रेया फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कोलकाता साल्ट लेक कॉलेज मोड कोलकाता धनबाद में काम कर रही कंपनी एयर डेक्कन को 42 पोकलेन एवं ड्रिल मशीन के लिए फाइनेंस किया गया था. बेकर कंपनी के द्वारा फाइनेंस का किस्त भुगतान नहीं किए जाने पर फाइनेंस कंपनी ने सभी मशीनों को नीलामी किया था. इरशाद ने 33 लाख रुपये भुगतान कर गादियों को खरीदा था.
इरशाद को उपरोक्त गाडी मुराईडीह एरीया-1 से ले जाने का आदेश प्राप्त हुआ. मार्च 2016 में जब इरशाद अपने 4 कर्मचारियों के साथ गाड़ियों को प्राप्त करने हेतु मुराईडीह एरिया नंबर 1 बरोरा आया और गाडियों को मुरारी से ले जाने का प्रयास किया तो बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो, कपिल राणा और उनके बॉडीगार्ड केदार यादव, सिकंदर चौहान, धर्मेंद्र गुप्ता एवं 8-10 लोग हरवे हथियार से लैस होकर आए और धमकी देते हुए रंगदारी की मांग की. जान से मारने की धमकी देते हुए विधायक ने 40 लाख रुपए अपने लडकों के लिए और अपने लिए 15 लाख रंगदारी की मांग की. रंगदारी की रकम भुगतान करने से इन्कार करने पर विधायक ढुल्लू महतो व अन्य लोगों ने गाली-गलौज और मारपीट की.
यौन शोषण का आरोप
वहीं, बाघमारा विधायक के खिलाफ भाजपा की जिला मंत्री रह चुकी एक नेता ने लगभग एक वर्ष पूर्व यौन शोषण का आरोप लगाया था. इसको लेकर राजनीतिक जगत में काफी हंगामा मचा. बाद में भाजपा से नाता तोड महिला नेत्री कांग्रेस में शामिल हो गई. उन्होंने इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया. उच्च न्यायालय के आदेश पर ही पिछले वर्ष धनबाद पुलिस ने विधायक के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज किया. लेकिन, गिरफ्तार नहीं किया. 19 फरवरी, 2020 को पुलिस ने बाघमारा के विधायक ढुलू महतो के चिटाही स्थित आवास पर छापा मारा था. विधायक पिछले दरवाजे से भाग निकले थे.
इसके बाद से ही विधायक भूमिगत थे. विधायक ढुल्लू महतो की अग्रिम जमानत अर्जी कांग्रेस नेत्री से दुष्कर्म के मामले में उच्च न्यायालय से भी खारिज हो चुकी है. जबकि हरिजन उत्पीडन के मामले में विधायक ढुल्लू की जमानत अर्जी अभी लंबित है. अग्रिम जमानत न मिलने की स्थिति में विधायक ने आत्मसमर्पण कर दिया. माना जा रहा है कि पुलिस दुष्कर्म की कोशिश से संबंधित मामले में पुलिस विधायक को रिमांड में लेकर पूछताछ करेगी. विधायक ढुलू महतो के समर्थकों को भी उनके आत्मसमर्पण का पता था. विधायक के भाई शत्रुघ्न महतो अपने समर्थकों के साथ सरेंडर के समय में मौजूद थे. कहा जा रहा है कि नए एसएसपी अखिलेश बी वारियर ने जब गिरफ्तारी का दबाव बढाया तो विधायक ने आत्मसमर्पण कर दिया.