जामताड़ा में कैसे होता है साइबर अपराध का खेल? अंगूठा छाप अपराधी कैसे लगा जाते हैं लाखों का चूना, जानिए

By एस पी सिन्हा | Published: March 6, 2021 02:59 PM2021-03-06T14:59:25+5:302021-03-06T21:09:20+5:30

झारखंड के जामताड़ा के साइबर अपराध से जुड़े मामले देश के कई हिस्सों से जुड़े हैं। कई राज्यों में इसे लेकर मामले दर्ज हैं। खास बात ये है कि इसे अंजाम देने वाले बिल्कुल पढ़े लिखे नहीं हैं।

Jharkhand Jamtara famous for Cyber ​​crime where unemployed youth fluently speaks many languages | जामताड़ा में कैसे होता है साइबर अपराध का खेल? अंगूठा छाप अपराधी कैसे लगा जाते हैं लाखों का चूना, जानिए

जामताड़ा बन चुका है साइबर अपराध का गढ़ (फाइल फोटो)

Highlightsजामताड़ा बन चुका है साइबर अपराध का गढ़, देश के कई राज्यों में यहां से जुड़े मामले दर्ज हैंसाइबर अपराध के मामले में गिरफ्तार कुतबुल अंसारी और बद्री मंडल ने पुलिस के सामने कई खुलासे किएबद्री मंडल के खिलाफ केरल, महाराष्ट्र में भी मामले दर्ज हैं, इन राज्यों में जेल की हवा खा चुका है बद्री

रांची: झारखंड में जामताड़ा भले ही पिछड़े जिले के तौर पर जाना जाता है लेकिन साइबर अपराध का गढ़ बन चुका इस जिले को लेकर भारत ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों में बात हो रही है. 

यहां के बेरोजगार युवा धड़ल्ले से अंग्रेजी तो बोलते ही हैं, इसके साथ ही मराठी, तमिल, तेलुगू, कन्नड सहित कई भाषाओं को भी उतने ही धाराप्रवाह बोलते, जितना वह हिन्दी बोलते हैं. 

ब़ड़े-बड़े अधिकारियों से लेकर मंत्री और राजनेता तक को लाखों का चूना लगाने वाले इन साइबर अपराधियों की शिक्षा की असलियत का आपको पता चलेगा तो आपके होश फाख्ता हो जायेंगे.

जामताड़ा के साइबर अपराध की कहानी

जामताड़ा जिले में सक्रिय ज्यादातर साइबर अपराधी अनपढ़ होते हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और लोकसभा की सांसद परनीत कौर के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाता से बातों-बातों में 23 लाख रुपये उड़ा लेने वाले कुतबुल अंसारी ने पुलिस के सामने यह खुलासा किया है. 

साइबर अपराध की दुनिया में अपनी धमक रखने वाले कुतबुल अंसारी और बद्री मंडल ने पुलिस के सामने कई खुलासे किये हैं. इन लोगों ने पुलिस को बताया है कि इस अपराध को अंजाम देने वाले लोग कतई हाईटेक नहीं हैं. 

सुदृढ टेक्नोलॉजी से लैस इनका कोई कार्यालय भी नहीं होता. तकनीकी ज्ञान भी इनका बहुत नहीं होता. इन लोगों ने यह बताया है कि साइबर अपराध से जुडे जामताड़ा के अधिकतर युवा अंगूठा छाप, मुश्किल से पांचवीं पास होते हैं. 

कुल मिलाकर कहें, तो शायद ही कोई भी मुश्किल से हाई स्कूल पास होता है. लेकिन साइबर अपराध का खेल ऐसा है कि ये सब अकूत संपत्ति के मालिक हैं. इनके मकान आलीशान हैं. इन्हें कई भाषाओं की जानकारी है, जिसके दम पर यह लोगों को चूना लगाते हैं. यही नही यहां के घर के दरवाजे डिजीटल लॉक अर्थात रिमोट कंट्रोल से संचालित हैं. 

केरल-महाराष्ट्र तक में इन साइबर अपराधों के खिलाफ मामला दर्ज

बताया जाता है कि 6 अक्टूबर, 2020 को साइबर थाना पुलिस द्वारा नारायणपुर के रिंगोचिंगो से बद्री मंडल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि इसके विरुद्ध केरल, महाराष्ट्र में भी मामले दर्ज हैं. ये वहां के जेल की हवा भी खा चुका है.

सूत्रों के अनुसार करमाटांड थाना क्षेत्र के साइबर अपराधी मजदूरी करने के लिए केरल, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र व अन्य जगहों पर जाते हैं. दो-चार महीने वहां मजदूरी करते हैं और इसी दौरान वहां की क्षेत्रीय भाषा सीख जाते हैं. 

लौटने के बाद उन्हीं की भाषा में वहां के लोगों को झांसे में लेकर उनके रुपये उड़ा लेते हैं. सबसे पहले इस तरह का मामला वर्ष 2016 में आया था. तत्कालीन एसपी कुसुम पुनिया के कार्यकाल में साइबर अपराध को लेकर जामताड़ा जिला में मुहिम शुरू की गई थी. 

उसी दौरान अताउल नाम का एक व्यक्ति आंध्रप्रदेश पुलिस के हत्थे चढ गया था. उसने आंध्रप्रदेश के पुलिसकर्मियों को ही अपना शिकार बना डाला था. पुलिसकर्मियों के बीएसएनएल मोबाइल नंबर की पूरी सीरीज को एक साथ इस्तेमाल कर उन्हें झांसे में लिया और लगभग 20-22 पुलिसकर्मियों की सैलरी उनके बैंक खाते से उड़ा लिया. 

लगभग 25 लाख रुपये के साइबर अपराध मामले में आंध्रप्रदेश की पुलिस जामताड़ा के करमाटांड पहुंची और यहां से अताउल को गिरफ्तार किया गया था.

अताउल ने साइबर अपराध का दिखाया पुलिस को नमूना

इसके बाद कोर्ट में पेश किये जाने के बाद आंध्रप्रदेश की पुलिस टांजिट रिमांड पर उसे ले गई. रास्ते में उसने डेमो करके दिखाया. अताउल फर्राटेदार तेलुगु भाषा में बात कर रहा था. उसने तेलुगु भाषा में ही बात करके वहां के पुलिसकर्मियों को अपना शिकार बनाया था. 

हाल ही में पुलिस की गिरफ्त में आये बद्री मंडल को भी कई भाषाओं की जानकारी है. स्थानीय स्तर पर हिंदी, खोरठा और बांग्ला भाषा तो धड़ल्ले से बोलता ही है. इसके साथ ही कई अन्य भाषाओं पर भी उसका अधिकार है. 

इन लोगों ने बताया है कि जिन-जिन क्षेत्रों में ये लोग मजदूरी करने गये. वहां की भाषा सीखी और फिर उसी भाषा में वहां के लोगों को चूना लगाने लगे. बद्री मंडल के विरुद्ध वर्ष 2017 में करमाटांड थाना में कांड संख्या 300/17 तथा केरल के मल्लपुरम जिला के मंजेरी थाना में कांड संख्या 521/17 दर्ज है. 

वहीं, महाराष्ट्र के मुंबई सिटी के कफ परेड थाना में वर्ष 2019 में कांड संख्या सीआर- 57/19 दर्ज किया गया है. 

बताया जाता है कि करमाटांड एवं नारायणपुर थाना क्षेत्र के कई ऐसे साइबर अपराधी हैं, जिन्हें तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, मराठी आदि कई भाषाओं की जानकारी है. इनके शैक्षणिक योग्यता की बात करें, तो कम ही लोग हैं, जो मैट्रिक या मैट्रिक से आगे पढ़ें होंगे.

Web Title: Jharkhand Jamtara famous for Cyber ​​crime where unemployed youth fluently speaks many languages

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