जाट आरक्षण आंदोलन से जुड़े हिंसा के एक मामले में 4 दोषियों को पाँच-पाँच साल की जेल
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 28, 2018 08:16 PM2018-09-28T20:16:16+5:302018-09-28T20:16:16+5:30
साल 2016 में करीब 10 दिनों तक चले जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसक भीड़ ने अरबों की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया था। भीड़ द्वारा दर्जनों महिलाओं के बलात्कार के भी आरोप लगे थे।
हिसार, 28 सितंबर: हरियाणा की एक अदालत ने वर्ष 2016 में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को चार लोगों को दंगे तथा अन्य अपराधों का दोषी माना और उन्हें पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर के जैन ने यहां दलजीत, राजू, सूरज और विनोद को हिंसा, सरकारी सेवक को दायित्व से रोकने, हमले, आगजनी जैसे मामलों से संबंधित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाने के बाद सजा सुनाई।
उन्हें सार्वजनिक संपत्ति हानि नियंत्रण कानून और भारतीय वन कानून 1927 के तहत भी दोषी पाया गया।
उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
चारों लोग हिसार जिले के सिसाय गांव के रहने वाले हैं। मामला सैनीपुरा गांव में उत्पात मचाने और मकानों में तोड़फोड़ से संबंधित था।
जाट आंदोलन के दौरान सामूहिक बलात्कार के आरोप
जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा के मुरुथल में एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं के संग बलात्कार के भी आरोप लगे थे।
पुलिस ने पहले बलात्कार के आरोपों से इनकार किया था लेकिन जब कुछ पीड़ित महिलाएं सामने आईं तो अदालत के हस्तक्षेप के बाद में मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी।
आंदोलनकारियों ने अरबों की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया था।
( समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)