चंडीगढ़, 17 मार्च: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या करने वाले आतंकी जगतार सिंह पर फैसला आ गया है। उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उस पर 35 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया। खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और बब्बर खालसा ग्रुप के सदस्य जगतार सिंह को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेएस सिध्दू ने दोषी करार दिया।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या करने वाले आतंकी जगतार सिंह को कोई पछतावा नहीं है। उसने अदालत में दलील दी कि अगर एक निर्दयी व्यक्ति को मारने से सैकड़ों मासूमों की जिंदगियां बच जाती हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। जगतार सिंह ने कहा कि सिखों के आजादी की लड़ाई जारी रहेगी। ये बातें जगतार सिंह के वकील ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताई। शुक्रवार को बेअंत सिंह की हत्या के जुर्म में जगतार सिंह को अदालत ने दोषी करार दिया गया था।
वकील ने बताया कि जगतार सिंह तारा अपने बयान पर कायम है। सीबीआई के वकील ने तारा से सीआरपीसी-313 के तहत 162 सवाल पूछे थे। तारा ने अपने बचाव में गवाही देने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि जो बयान लिखित में दिए गए हैं वही आखिरी हैं। तारा के वकील ने बताया कि तारा सिखों के लिए सरकार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा। इस मौके पर कुछ लोगों ने खालिस्तान समर्थक नारे भी लगाए।
बेअंत सिंह हत्याकांडः कुछ तथ्य
- 31 अगस्त 1995 को सचिवालय के बाहर बम विस्फोट किया गया था। इसमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह समेत 17 अन्य लोगों की मौत हो गई थी। बेअंत सिंह ने खालिस्तानी आंदोलन खत्म करने के लिए कई प्रयास किए थे। इससे प्रदेश में शांति बहाल हो सकी थी।
- इसमें जगतार सिंह तारा को मुख्य आरोपी बनाया गया था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
- 21 जनवरी 2004 को चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल से जगतार सिंह तारा अपने कुछ साथियों के साथ फरार हो गया।
- करीब 10 साल बाद 2014 में उसे इंटरपोल की मदद से गिरफ्तार किया गया।
- 9 मार्च 2018 को इस मामले में सुनवाई पूरी हुई। 16 मार्च को दोषी करार दिया गया।