भारत-बांग्लादेश सीमाः मवेशियों की तस्करी, बीएसएफ की 36वीं बटालियन के पूर्व कमांडेंट और अन्य नामजद, पांच शहरों में 13 ठिकानों पर छापे

By भाषा | Published: September 23, 2020 05:33 PM2020-09-23T17:33:37+5:302020-09-23T18:50:09+5:30

सीबीआई ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी के मामले में बीएसएफ की 36वीं बटालियन के पूर्व कमांडेंट और अन्य को नामजद किया है। मवेशियों की तस्करी से जुड़े मामले में पांच शहरों में 13 ठिकानों पर छापे मारे।

India-Bangladesh border smuggling cattle former commandant of BSF's 36th battalion and others nominated raids on 13 bases in five cities | भारत-बांग्लादेश सीमाः मवेशियों की तस्करी, बीएसएफ की 36वीं बटालियन के पूर्व कमांडेंट और अन्य नामजद, पांच शहरों में 13 ठिकानों पर छापे

मवेशियों की तस्करी करते समय उनके गले में सॉकेट बम बांध देते हैं, ताकि उनके पकड़े जाने पर जवानों को नुकसान पहुंचाया जा सके।

Highlightsसीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोलकता और मुर्शिदाबाद जिलों में कई ठिकानों पर आज सुबह से छापेमारी जारी है।मवेशियों की तस्करी से जुड़े लोगों का पर्दाफाश करने के लिए बुधवार को पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी की।अधिकारी ने कहा कि सीबीआई पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मवेशियों की तस्करी की जांच पिछले एक साल से कर रही है।

कोलकाताः केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए मवेशियों की तस्करी से जुड़े मामले में बीएसएफ की 36वीं बटालियन के एक पूर्व कमांडेंट तथा एक कथित सरगना सहित तीन अन्य को नामजद किया है।

अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। इस मामले में एजेंसी ने आज देश में 15 ठिकानों पर छापेमारी भी की। ये स्थान पश्चिम बंगाल के कोलकाता, सिलीगुड़ी और मुर्शिदाबाद, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, पंजाब के अमृतसर और छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थित हैं। जांच एजेंसी ने इस संबंध में दिल्ली में भी छापेमारी की।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 36वीं बटालियन के तत्कालीन कमांडेंट सतीश कुमार तथा मवेशी तस्करी के कथित सरगना इनामुल हक और अन्य व्यक्तियों-अनारुल और मोहम्मद गुलाम मुस्तफा को नामजद किया है।

बीएसएफ कमांडेंट जिबू टी मैथ्यू को रिश्वत देने के आरोप में भी गिरफ्तार किया था

उन्होंने बताया कि कुमार इस समय रायपुर में पदस्थ हैं। हक को सीबीआई ने मार्च 2018 में एक अन्य बीएसएफ कमांडेंट जिबू टी मैथ्यू को रिश्वत देने के आरोप में भी गिरफ्तार किया था जिसे जनवरी 2018 में अलप्पुझा रेलवे स्टेशन से 47 लाख रुपये की नकदी के साथ पकड़ा गया था।

एजेंसी ने अप्रैल 2018 में प्रारंभिक जांच के जरिए हक की कथित अवैध गतिविधियों और उन अन्य सरकारी अधिकारियों से उसके संबंधों की पड़ताल शुरू कर दी जिन्होंने भारत-बांग्लादेश सीमा पर उसके अवैध करोबार में मदद की। बांग्लादेश से लगती सीमा की रक्षा का दायित्व बीएसएफ के पास है। एजेंसी ने कहा कि सतीश कुमार दिसंबर 2015 से अप्रैल 2017 तक पश्चिम बंगाल के माल्दा जिले में बीएसएफ की 36वीं बटालियन के कमांडेंट के रूप में पदस्थ थे।

उनके अधीन चार कंपनियां मुर्शिदाबाद और दो कंपनियां माल्दा में सीमा के पास तैनात थीं। अधिकारियों ने बताया कि उनकी इस पदस्थापना के दौरान बीएसएफ ने तस्करी के लिए ले जाई जा रहीं 20 हजार से अधिक गाय बरामद कीं, लेकिन गायों की तस्करी की कोशिश में इस्तेमाल किए गए वाहनों और तस्करों को कभी नहीं पकड़ा जा सका।

मवेशियों को वजन और आकार के हिसाब से छोटा दिखाया गया

उन्होंने बताया कि तस्करों, सीमा शुल्क और बीएसएफ के कुछ अधिकारियों के बीच गठजोड़ के चलते कागजों पर इन मवेशियों को वजन और आकार के हिसाब से छोटा दिखाया गया तथा उनकी नस्ल के रिकॉर्ड में भी छेड़छाड़ की गई जिससे बरामदगी के तुरंत बाद हुई नीलामी में इनकी कीमत घट गई।

अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने आरोप लगाया है कि हक, अनारुल और मुस्तफा सीमाशुल्क विभाग द्वारा की जाने वाली नीलामी में इन मवेशियों को वापस कम दामों में खरीद लेते थे। आरोप में कहा गया है, ‘‘इसके बदले में मोहम्मद इनामुल हक प्रति मवेशी संबंधित बीएसएफ अधिकारियों को दो हजार रुपये और सीमाशुल्क अधिकारियों को 500 रुपये देता था।’’

सीबीआई ने आरोप लगाया है, ‘‘इसके अतिरिक्त सीमाशुल्क विभाग के अधिकारी हक, मुस्तफा और अनारुल जैसे सफल बोली लगाने वालों से नीलामी की कुल कीमत की 10 प्रतिशत राशि रिश्वत में लेते थे।’’ सीबीआई ने प्राथमिकी में कहा है कि जब्त मवेशियों को चारा खिलाने के बदले बीएसएफ और सीमाशुल्क विभाग के बीच कोई शुल्क वसूली नहीं हुई, लेकिन सफल बोली लगाने वाले लोग बल के अधिकारियों को प्रति मवेशी 50 रुपये देते थे।

एजेंसी ने आरोप में कहा है, ‘‘कुमार का बेटा मई 2017 से दिसंबर 2017 के बीच हक द्वारा प्रवर्तित एक कंपनी में नौकरी करता था जहां उसे हर महीने 30-40 हजार रुपये मिलते थे। इससे उसके इस अपवित्र गठजोड़ के भागीदारों के साथ घनिष्ठ संबंध का पता चलता है।’’

डीआरआई ने 2.65 करोड़ रुपए मूल्य का तस्करी का सोना जब्त किया, दो गिरफ्तार

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में दो लोगों से 2.65 करोड़ रुपये मूल्य का करीब पांच किलोग्राम सोना जब्त किया है। बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी है। बयान के अनुसार दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों बिहार में आरा के निवासी हैं। डीआरआई ने कहा कि दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि सोना मणिपुर सीमा के रास्ते म्यामां से लाया जा रहा था और इसे कोलकाता पहुंचाना था।

बयान के अनुसार अधिकारियों ने गुप्त जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए मंगलवार को सिलीगुड़ी में एक कार को पकड़ा। दो आरोपी मूल रूप से बिहार के हैं लेकिन कोलकाता के खिदिरपुर में रहते हैं। इसमें कहा गया है कि सोना कार में छिपा कर रखा गया था और उसका कुल वजन 4.9 किलोग्राम तथा बाजार मूल्य 2,65,92,702 रुपये है।

डीआरआई ने 2019-20 के दौरान पश्चिम बंगाल और सिक्किम में करीब 300 किलोग्राम सोना जब्त किया था जिसकी कीमत 115 करोड़ रुपये से अधिक है। चालू वित्त वर्ष में अब तक 65 किलोग्राम सोना जब्त किया गया है जो करीब 35 करोड़ रुपये मूल्य का है। 

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