22 साल बाद पकड़ा गया IFS अधिकारी की पत्नी से रेप का आरोपी, तत्कालीन मुख्यमंत्री को देना पड़ा था इस्तीफा, जानें पूरा मामला
By अनुराग आनंद | Published: February 26, 2021 12:59 PM2021-02-26T12:59:45+5:302021-02-26T14:58:00+5:30
रेप के इस मामले में सही से कार्रवाई नहीं होने की वजह से कुछ समय बाद पीड़ित महिला ने मामले में शामिल होने का आरोप सीधे मुख्यमंत्री जी. बी. पटनायक पर लगाया था।
मुंबई: ओड़िसा के एक गैंगरेप मामले में 22 साल बाद मुख्य आरोपी पकड़ा गया है। इस मामले में पीड़िता पूर्व आईएफएस अधिकारी की पत्नी है।
पीड़िता ने कहा कि 22 साल लंबा समय होता है। बातें चल रही थी कि आरोपी मर गया या देश के बाहर भेज दिया गया है।बता दें कि इस रेप मामले ने ओड़िसा की राजनीति को झकझोर कर रख दिया था।
बीबीसी रिपोर्ट के अनुसार, सन 1999 में हुई इस घटना की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री जी बी पटनायक को इस घटना के बाद इस्तीफा देना पड़ा था।
आईएफएस अधिकारी की 29 साल की पत्नी से किया था रेप-
ओड़िसा पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी को मुंबई से गिरफ्तार किया है। 9 जनवरी, 1999 को एक आईएफएस अधिकारी की पत्नी जो करीब 29 साल की थी, वह अपने एक पत्रकार दोस्त के साथ कटक से भुवनेश्वर जा रही थी।
महिला ने मामले में शामिल होने का आरोप सीधे मुख्यमंत्री पर लगाया
इसी दौरान उनकी कार को तीन लोगों ने रोक लिया था, इसके बाद वह दोनों को किसी सुनसान जगह पर ले गए। यहां आरोपियों ने महिला के साथ गैंगरेप किया था। इस मामले में सही से कार्रवाई नहीं होने की वजह से कुछ समय बाद पीड़ित महिला ने मामले में शामिल होने का आरोप सीधे मुख्यमंत्री जी. बी. पटनायक पर लगाया था।
इस आरोप के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा-
महिला द्वारा सीधे सीएम पर आरोप लगाए जाने के बाद राज्य में राजनीतिक भूचाल आ गया था। इस घटना ने मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया था। हालांकि, जो आरोप पटनायक के खिलाफ पीड़ित पक्ष ने लगाया था उसे एफआईआर में शामिल नहीं किया गया था।
दो दशकों के बाद ओड़िसा पुलिस ने मुख्य आरोपी को मुंबई से गिरफ्तार किया-
घटना के 17 दिन बाद दो आरोपी प्रदीप साहू और दिरेंद्र मोहंती को गिरफ्तार किया गया था। मुख्य आरोपी विवेकानंद विस्वाल भागने में सफल हो गया था। करीब दो दशकों के बाद उड़ीसा पुलिस ने उसे लोनावाला के एंबी वैली मुंबई से गिरफ्तार किया है।
मुंबई में प्लंबर का काम करता था आरोपी
पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के बाद बताया है कि वहां वह प्लंबर का काम करता था। इसे पकड़ने के लिए पुलिस ने विशेष ऑपरेशन चला रखा था जिसका नाम ‘साइलेंट वाइपर’ था। लेकिन, इसके बाद भी आरोपी को पकड़ना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था।
3 माह पहले भुवनेश्वर कमिश्नरेट पुलिस ने इस मामले की फाइल खोली-
गौरतलब है कि इस मामले में दो अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। सीबीआई ने इस मामले में जांच की थी। अभी तीन माह पहले भुवनेश्वर कमिश्नरेट पुलिस ने मामले की फाइल फिर से खोली थी। उसके बाद से काफी गहनता से उसकी तलाश चल रही थी। आरोपी ने दूसरे नाम से आधार कार्ड भी बनवा रखा था।