धनबाद जज हत्याकांडः विशेष सीबीआई कोर्ट ने दो दोषियों को मृत्यु पर्यन्त आजीवन कारावास की सजा सुनाई, 30000 जुर्माना, जानें क्या हुआ था...

By एस पी सिन्हा | Updated: August 6, 2022 19:13 IST2022-08-06T19:12:38+5:302022-08-06T19:13:39+5:30

Dhanbad judge Uttam Anand murder case: धनबाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में करीब 45 मिनट तक सुनवाई चली.

Dhanbad judge Uttam Anand murder case Special CBI court sentenced two convicts life imprisonment till death 30000 fine jharkhand police | धनबाद जज हत्याकांडः विशेष सीबीआई कोर्ट ने दो दोषियों को मृत्यु पर्यन्त आजीवन कारावास की सजा सुनाई, 30000 जुर्माना, जानें क्या हुआ था...

28 जुलाई 2022 को अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि यह साबित होता है कि दोनों ने जान-बूझकर जज उत्तम आनंद की हत्या की है. (file photo)

Highlightsअदालत ने इस मामले की सुनवाई ऑनलाइन की.घटना में एडीजे की मौके पर ही मौत हो गयी थी.रणधीर वर्मा चौक के पास एक ऑटो ने उन्हें पीछे से जोरदार टक्कर मार दी थी.

धनबादः झारखंड में धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद हत्याकांड में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने आज दोषी आटो चालक राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.

इसके पूर्व सजा के बिंदु पर धनबाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में करीब 45 मिनट तक सुनवाई चली. इस दौरान सीबीआई के विशेष अभियोजक अमित जिंदल ने कहा कि न्यायाधीश जैसे विशिष्ट पद पर बैठे व्यक्ति की हत्या विरल से विरलतम (रेयर ऑफ द रेयरेस्‍ट) प्रकृति के अपराध की श्रेणी में आता है.

अदालत ने इस मामले की सुनवाई ऑनलाइन की. सजा सुनाये जाने के बाद जज उत्तम आनंद के जीजा विशाल आनंद ने कहा कि फैसले के अध्ययन के बाद हाईकोर्ट जाने या नहीं जाने का फैसला लेंगे. बता दें कि 28 जुलाई 2021 को जज उत्तम आनंद मॉर्निंग सुबह पांच बजे वॉक पर निकले थे. वे सड़क किनारे वॉक कर रहे थे, तभी रणधीर वर्मा चौक के पास एक ऑटो ने उन्हें पीछे से जोरदार टक्कर मार दी थी.

इस घटना में एडीजे की मौके पर ही मौत हो गयी थी. 28 जुलाई 2022 को अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि यह साबित होता है कि दोनों ने जान-बूझकर जज उत्तम आनंद की हत्या की है. हर हत्‍याकांड में कोई मो‍टिव या इंटेंशन हो, यह जरूरी नहीं. यदि अभियुक्त यह जानता है कि उसके कार्य से किसी की मौत हो सकती है तो फिर इंटेंशन की जरूरत नहीं है.

जिंदल ने इस बाबत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बच्चन सिंह स्टेट ऑफ पंजाब, धनंजय चटर्जी बनाम बंगाल राज्य में पारित सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला दिया. दोनों मुजरिमों राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को सजा-ए-मौत देने की मांग की और कहा कि मानव जीवन के मूल्य का कोई महत्व इनके लिए नहीं है. दोनों आपराधिक इतिहास के लोग हैं. जज के तीन छोटे बच्चे हैं. पत्‍नी अब विधवा हो चुकी है. मांग की कि उनके जीवन यापन के लिए उन्हें मुआवजा भी दिलाया जाए.

Web Title: Dhanbad judge Uttam Anand murder case Special CBI court sentenced two convicts life imprisonment till death 30000 fine jharkhand police

क्राइम अलर्ट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे