दिल्ली के शेल्टर होम में हैवानियत की हद, मासूम बच्चियों के प्राइवेट पार्ट्स में डाला जाता था लाल मिर्च पाउडर
By पल्लवी कुमारी | Published: December 29, 2018 02:06 PM2018-12-29T14:06:02+5:302018-12-29T14:06:02+5:30
दिल्ली डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने दिल्ली महिला आयोग को निर्देश दिया है कि महिलाओं और लड़कियों के दिल्ली में सभी शेल्टर होम का सोशल ऑडिट किया जाए। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS), मुंबई की फील्ड एजेंसी 'कोशिश' से यह ऑडिट करवाया जाएगा।
बिहार के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम वाला मामला अभी तक खत्म भी नहीं हुआ है कि हैवानियत की ये कहानी अब देश की राजधानी दिल्ली में भी देखने और सुनने को मिल रही है। दिल्ली के द्वारका स्थित एक शेल्टर होम में मासूम बच्चियों के उत्पीड़न का मामला सामने आया है।
दिल्ली महिला आयोग की ओर से गठित विशेषज्ञ समिति की जांच के दौरान लड़कियों ने आरोप लगाया कि शेल्टर होम में महिला स्टाफ उनके साथ हैवानियत जैसा बर्ताव करती है। सजा के नाम पर उनके प्राइवेट पार्ट्स में लाल मिर्च का पाउडर डाला जाता है। इस शिकायत के बाद महिला आयोग स्वाति मालिवाल के कहने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
बच्चियों के साथ बातचीत में कई चौंकाने वाले खुलासे
पुलिस ने शेल्टर होम के स्टाफ के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और जेजे एक्ट में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बता दें कि 6 से 15 साल की बच्चियों के साथ बातचीत में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए, जिसके बाद
दिल्ली सरकार की सलाह पर महिला आयोग ने सरकारी और निजी शेल्टर होम की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की थी।
इस समिति ने शेल्टर होम में रहने वाली 6 से 15 साल की उम्र की 22 बच्चियों से बात की और उनके अनुभव जाने। महिला आयोग के मुताबिक शेल्टर होम में स्टाफ की कमी होने की वजह से बच्चियों से ही घरेलू काम, साफ-सफाई, बर्तन धुलवाने, कमरे और टॉयलेट साफ करवाने तक का काम कराया जाता था।
छुट्टी में घर भी जाने नहीं दिया जाता बच्चियों को
यहां तक लड़कियां अगर अपना रूम साफ ना करे तो उन्हे बेरहमी से पीटा जाता है। उन्हें गर्मियों और सर्दियों की छुट्टी में घर भी जाने नहीं दिया जाता था। फिलहाल पुलिस ने बच्चियों का बयान दर्ज कर कर्रावाई शुरू कर दी है।
बता दें कि दिलशाद गार्डन के बालिका संस्कार आश्रम से एक नाबालिग समेत 9 लड़कियों के गायब होने के बाद दिल्ली के सभी शेल्टर होम का ऑडिट किया जाने का दिल्ली सरकार की ओर से आदेश दिए गए हैं। डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने दिल्ली महिला आयोग को निर्देश दिया है कि महिलाओं और लड़कियों के दिल्ली में सभी शेल्टर होम का सोशल ऑडिट किया जाए। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS), मुंबई की फील्ड एजेंसी 'कोशिश' से यह ऑडिट करवाया जाएगा।