टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार को कोर्ट से लगा झटका, रेप मामले में कोर्ट ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को किया खारिज
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 19, 2022 06:57 PM2022-04-19T18:57:25+5:302022-04-19T19:03:29+5:30
मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने रेप आरोपी टी-सीरीज कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर भूषण कुमार के खिलाफ पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को यह करते हुए खारिज कर दिया कि पुलिस ने मामले में जांच के दौरान कई कानूनी पहलुओं के साथ समझौता किया गया है।
मुंबई: कैसट किंग रहे गुलशन कुमार के बेटे और टी-सीरीज कंपनी के मालिक भूषण कुमार के खिलाफ रेप के मामले में मुंबई पुलिस द्वारा कोर्ट में लगाई क्लोजर रिपोर्ट खारिज हो गई है।
मुंबई की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने रेप आरोपी टी-सीरीज कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर भूषण कुमार के खिलाफ पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को यह करते हुए खारिज कर दिया कि पुलिस ने मामले में जांच के दौरान कई कानूनी पहलुओं के साथ समझौता किया गया है या फिर उन्हें अनदेखा किया गया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने मुंबई पुलिस को आदेश दिया है कि वो इस मामले की फिर से जांच करें और उस जांच की अगुवाई जोनल डीसीपी करें। मामले की सुनवाई करते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आरआर खान ने इस महीने की शुरुआत में पुलिस की समरी रिपोर्ट को खारिज कर दिया था, जिसका आदेश सोमवार को जारी किया गया।
कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा, "जहां तक पीड़िता का सवाल है, उसने आपराधिक कानून की खामियों को उजागर किया है। उसने तो पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट के मामले में कोई शिकायत भी नहीं दर्ज कराई। पीड़िता ने अपने व्यक्तिगत लाभ और फायदे के लिए हर उस सीमा को पार कर लिया है जिसका पालन सभी भारतीय महिलाएं दशकों से करती आ रही हैं।"
इसके अलावा कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप याचिका दायर करने के लिए भूषण कुमार और एक गवाह की भी जमकर खिंचाई की। मजिस्ट्रेट ने कहा कि दोनों के पास इस मामले में पेश होने और हस्तक्षेप करने के लिए कोई आधार नहीं है और मामले में याचिका दायर करके उन्होंने भी अपनी सभी सीमाएं पार कर दी हैं।"
कोर्ट के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि भूषण कुमार के पास अदालत में मामला दायर करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने कोर्ट में लड़ने का प्रयास किया है जो पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण, अनैतिक और अनुचित है।
मजिस्ट्रेट ने कहा कि इन प्रयासों से पता चलता है कि भूषण कुमार मामले में जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहते हैं। पुलिस द्वारा की गई जांच पर प्रतिकूल टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि अपराध दर्ज होने के बाद भी पुलिस जांच अधिकारी ने न तो आरोपी को गिरफ्तार करने का प्रयास किया और न ही आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए संपर्क किया जो कि आरोपी के गैरजिम्मेदार आत्मविश्वास को दर्शाता है।
अदालत ने कहा कि केस के जांच अधिकारियों ने "जांच" करने से परहेज किया है। जबकि हमारे देश का बड़ा दुर्भाग्य है कि रेप की घटनाएं हर दिन बढ़ रही हैं।
इसके साथ ही अदालत ने अतिरिक्त लोक अभियोजक को आदेश दिया कि वो पुलिस जांचकर्ताओं के गैरजिम्मेदार आचरण के बारे में मुंबई के पुलिस कमिश्नर और राज्य के डीजीपी को भी सूचित करें।
मालूम हो कि 30 साल की महिला ने पिछले जुलाई में डीएन नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि गुलशन कुमार के बेटे भूषण कुमार ने उसके साथ कंपनी में नौकरी देने के बहाने रेप किया था। मामले में डीएन नगर पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर भूषण कुमार के खिलाफ रेप और धोखाधड़ी के मामले में केस दर्ज किया था।