नई दिल्ली: झारखंड से कांग्रेस पार्टी के सांसद धीरज प्रसाद साहू के ओडिशा स्थित ठिकानों पर छापेमारी में मिली बेहिसाब नकदी की गिनती अब भी जारी है। एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक भगत बेहरा ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमें 176 बैग मिले और उनमें से 140 की गिनती हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बाकी की गिनती आज की जाएगी। गिनती प्रक्रिया में 3 बैंकों के अधिकारी शामिल हैं। भगत बेहरा ने बताया कि नकदी की गिनती में 50 अधिकारी शामिल हैं। नोट गिनने की 40 मशीनें लाई गई हैं, इनमें से 25 उपयोग में हैं और 15 बैकअप के रूप में रखी गई हैं।
बता दें कि ओडिशा स्थित शराब बनाने वाली कंपनियों के एक समूह और उससे जुड़े प्रतिष्ठानों के खिलाफ आयकर विभाग की छापेमारी के बाद मिली बेहिसाब नकदी के 300 करोड़ रुपये होने की संभावना है। माना जा रहा है कि यह एजेंसी के किसी एक अभियान में बरामद हुआ सबसे अधिक कालाधन है। बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ छापे की कार्रवाई छह दिसंबर को शुरू हुई थी।
अब तक 250 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त की जा चुकी है। इस कार्रवाई के तहत कांग्रेस नेता और झारखंड से राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू से जुड़े परिसर पर भी छापा मारा गया है।
इतनी भारी मात्रा में काले धन के बरामद होने के बाद राजनीति भी गर्म हो गई है। कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू से जुड़े परिसरों पर आयकर विभाग की छापेमारी पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा, "जनता की आंख खुली हुई है। लोग देख रहे हैं कि गिनती हो रही है, मशीन खराब हो रही है और आ रही है। क्या कभी किसी ने 300 करोड़ देखा होगा? ये दुनिया का पहला उदाहरण कांग्रेस ने पेश किया है। ये दुर्भाग्य है। ऐसे लोगों को जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी... कांग्रेस का नाश होगा, इसमें कहीं कोई दोमत नहीं है।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिमाचल प्रदेश, असम और मुंबई इकाइयों ने भी मामले को लेकर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार को शरण देने का आरोप लगाया है। खुद पीएम मोदी भी इसे लेकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस पर निशाना साध चुके हैं।
बता दें कि बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड बौध डिस्टिलरीज की एक समूह कंपनी है जो झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से जुड़ी हुई है। जब्त की गई नकदी को राज्य के सरकारी बैंकों तक पहुंचाने के लिए आयकर विभाग ने और वाहनों की मांग की है। बोलांगीर जिले में कंपनी के परिसरों में रखी लगभग 10 अलमारियों से 230 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए हैं, जबकि बाकी रकम टिटलागढ़, संबलपुर और रांची के परिसरों से जब्त की गई। नकदी रखने के लिए करीब 200 छोटे-बड़े बैग का इस्तेमाल किया गया था।